जीरापुर/राजगढ़- आजकल अधिक पैदावार के लोभ मे लोग औषधि खेती को भी रासायनिक खाद व जहरिले कीटनाशक का उपयोग कर कर रहे जहर युक्त खेती, जो मानव जाति के लिए घातक कु कर्म कर रहै,उक्त पाप को मध्य नजर रखते हुए जीरापुर के समीप बांसखेड़ी गांव के संतराम आर्य किसान ने वैदिक प्राचीन गाय आधारित खेती करके हल्दी का उत्पादन किया है जो बहुत अच्छी पैदावार के रूप में सामने आई। इसमें विशेष बात यह है ।
कि आजकल के किसान को अधिक पैदावार करते हुए वेदीक प्राचीन गाय पशु आधारित खेती पर भी जोड़ देना चाहिए जिससे हमारा स्वास्थ्य और पशुपालन की रक्षा का हीत मानव कृतव्य हो, जिससे प्रकृति भी जहरीली नहीं होगी हमें शहर, महंगा बहुराष्ट्रीय कंपनियों का सामान नहीं खरीदना होगा किसी पर निर्भर नहीं बल्कि गांव स्वावलंबी बनेगा उक्त विचार के साथ वैदिक खेती करके किसानों को बड़ा संदेश दिया आज कल बड़ी घातक बीमारियों का सामना मानव जिव जंतु कर रहा है अगर हम खाना,पीना,हवा लेना शुद्ध प्राप्त कर ले तो 80% बीमारी से बचा जा सकता है क्योंकि 80% बीमारी मात्र पेट से होती है जिसका मुख्य रूप से यही कारण बनता है । उक्त विचार वैदिक हल्दी के किसान पतंजलि युवा भारत के जिला प्रभारी संतराम आर्य ने रखें।