President Election : देश में आज नए उप-राष्ट्रपति के लिए चुनाव के लिए मतदान शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संसद भवन पहुंचकर उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सबसे पहले वोट डाला। इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना वोट डाला। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाल चुके हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की ओर से जगदीप धनखड़ मैदान में हैं, वहीं विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा पर दांव लगाया है। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव की तरह उपराष्ट्रपति चुनाव में भी यह टक्कर एकतरफा नजर आ रही है। आंकड़ों के मामले में इस मुकाबले में जगदीप धनखड़ सबसे आगे हैं।
ऐसे किया जाता है उपराष्ट्रपति का चुनाव
भारत के संविधान में उपराष्ट्रपति पद को प्रधानमंत्री के पद से बड़ा माना गया है। राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति ही देश के सभी संवैधानिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करता है। उपराष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं। वहीं दूसरी ओर मनोनीत सदस्यों को भी मत देने का अधिकार होता है। फिलहाल कुल वोटों की संख्या 788 है। इसमें लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 243 वोट हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए कम से कम 394 वोटों की जरूरत होती है।
विपक्ष में फूट से एनडीए काफी मजबूत
उपराष्ट्रपति चुनाव में हर सांसद का एक मत गिना जाता है। आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो एनडीए प्रत्याशी जगदीप धनखड़ के खाते में 395 वोट देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान में भाजपा के पास लोकसभा में 303 और राज्यसभा में पार्टी के 93 सांसद हैं। दूसरी ओर विपक्ष में फूट के कारण भी धनखड़ की स्थिति मजबूत हो गई है। कुछ पार्टियों ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा का भी समर्थन किया है, जिसमें आम आदमी पार्टी, टीआरएस, एआईएमआईएम और झामुमो पार्टी शामिल हैं, लेकिन ममता बनर्जी के कारण समीकरण बिगड़ता दिख रहा है। TMC उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं करने जा रही है। टीएमसी के कुल 36 सांसद वोट नहीं देंगे।