ब्रेकिंग
हरदा: वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय धर्मेंद्र चौबे को भास्कर परिवार और स्थानीय पत्रकारों के द्वारा नगर पाल... कृषि अधिकारियों ने किया खाद बीज की दुकानों का निरीक्षण  Ladli bahna yojna: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाडली बहनों के खाते में राशि अंतरित की मध्यप्रदेश के एक मंत्री के ड्राईवर की दबंगई ससुराल मे की पत्नि की पिटाई ,हुआ मामला दर्ज !  पूर्व सरपंच के भ्रष्टाचार में साथ न देने वाले वर्तमान आदिवासी सरपंच के हटाने की तैयारी में जुटा प्रश... आपसी रंजिश के चलते बेटी का फोटो एडिट कर उसके पिता को भेजा: पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार हरदा: शराब के लिए बदमाश ने रास्ता रोककर की मारपीट, चाकू से किया हमला, घायल युवक का भोपाल में चल रहा ... हिन्दू लड़कियो को लव जिहाद में फँसाकर देह व्यापार कराने के लिए लाखो की फंडिंग, कांग्रेस पार्षद पर लगे... ई सुविधा केंद्र से न्यायालय संबंधित सभी जानकारीया प्राप्त होगी: न्यायाधीश  लखनऊ में विमान की लैंडिंग के दौरान पहिए से निकला धुना और चिंगारी! सऊदी अरब से आए विमान 250 हज यात्री...

कार टकराते ही धमाके की आवाज आई और अचानक छा गया सन्नाटा

मकड़ाई समाचार इंदौर। जामगेट सड़क हादसे में घायल अभिनव अभी तक सहमे हुए हैं। वह चालक के बगल वाली सीट पर ही बैठे हुए थे। एयर बलून खुलने से उनकी जान बच गई। हादसे का दृश्य सामने आते ही रोने लगते हैं। एक अन्य घायल प्रतीक को तो अभी तक दोस्त अक्षित,सूरज और विपिन की मौत के बारे में बताया ही नहीं है। एबी रोड़(शिवसागर) निवासी प्रतीक अहिरवार निजी अस्पताल में भर्ती है। उनके हाथ में फ्रैक्चर हुआ है।

बैंककर्मी अभिनव भी उसी कार में सवार था जिसका शुक्रवार रात जामगेट के समीप एक्सीडेंट हुआ है। उन्होंने बयानों में बताया करीब 11.30 बजे पांचों दोस्त मंडलेश्वर से इंदौर के लिए रवाना हुए थे। सामने से गाड़ी आने पर कार चला रहे अक्षित की आंखें चौंधियां गई। कार लगभग 80 किमी प्रति घंटा की स्पीड से चल रही थी। अचानक मोड़ने के चक्कर में कार पुलिया में घुस गई। जोरदार धमाके की आवाज आई और फिर अचानक सन्नाटा पसर गया।

- Install Android App -

कईं गाड़ियां वहां से गुजरती गई और कुछ रुकते गए। अभिनव के मुताबिक मोबाइल टूट गए इसलिए किसी को कॉल भी नहीं कर पाए। ग्रामीणों और राहगीरों की मदद से एम्बुलेंस(108) पर कॉल किया लेकिन आने में डेढ़ घंटा लग गया। उस वक्त सूरज की सांसें चल रही थी। अस्पताल ले जाने में देरी हो गई और उसने भी दम तोड़ दिया।

अभिनव को ज्यादा चोंट नहीं आइ लेकिन एक अन्य दोस्त प्रतीक अभी तक आइसीयू में भर्ती है। उसे तो अभी तक तीनों दोस्तों की मौत के बारे में भी नहीं बताया है। उसके पिता विजय अहिरवार रेलवे में नौकरी करते है। वह उनसे मिलने ही आ रहा था।