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कोई भी आंदोलन बिना बातचीत किए कभी खत्म नहीं हुआ है-दुष्यंत चौटाला

मकड़ाई समाचार चंडीगढ़।बीते एक माह से पंजाब हरियाणा के किसानो ने दिल्ली मंे धरना प्रर्दशन कर रखा है। सरकार पर दबाब बनाया जा रहा है कि तीनो किसान बिल वापिस ले। वही सरकार अपने तीनो बिल को किसानों के हित में बता रहा है।किसान और सरकार के मध्य हो रहे |इस आंदोलन का राजनीतिक सियासी गलियारे नेता अपने अपने हित साधने में लगे है तो कहीं कुछ अंदेशा विदेशाी ताकतों का भी लग रहा है।इस मामले में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों में कई संशोधनों होना चाहिए| इसके लिए किसान सरकार को सही सुझाव दे रही बात एमएसपी न्यूनतम मूल्य की तो अगर हम लागू करने में अक्षम रहे तो मै अपनी कुर्सी छोड़ दूंगा। मेेरा मानना है कि कृषि बिल में कई संशोधन होने चाहिए|इसके लिए केंद्र सरकार को पहले कई सुझाव दिए हैं और वे भी कई सुझावों पर सहमत थे| उन्होंने कहा, ष्मेरे ख्याल से केंद्र सरकार उन संशोधनों को शामिल करने के लिए तैयार है| चौटाला ने कहा और किसान नेताओं से बात करने के लिए बुलाया है। अब इनकी जिम्मेदारी है कि क्या करना है। प्रदर्शनकारी किसान तीन कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार के साथ वार्ता बहाल करेंगे. चैटाला ने कहा,  केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है तो पहले छह दौर की वार्ता कर चुके किसान संघों को आगे आना चाहिए| कोई भी आंदोलन बिना बातचीत किए कभी खत्म नहीं हुआ है|