मकड़ाई समाचार हरदा। जिले में मानसून की सक्रियता से सोयाबीन की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। किसानों ने सरकार से सर्वे की आस लगा रखी है ताकि समय पर सर्वे हो और उचित मुआवाजा मिल सकें। वही दूसरी ओर किसान खाद के लिए परेशान हो रहा है। छोटे और मंझोले किसान खाद के लिए सुबह से ही आफिस पहुच जाते है ताकि अपनी बारी आने का नंबर सेट कर सकें। इसके लिए लोग घंटो लाईन में खडे़ होकर खाद मिलने का इंतजार कर रहें है।बताया जा रहा है कि निजी दुकानदार ज्यादा कीमत में डीएपी यूरिया को बेच रहे है। खाद के लिए किसान यहां वहां दुकानों पर भटक रहा है वहीं कुछ किसान खाद के लिए अन्य जिलो में भी जुगाड़ लगा रहा है।खाद वितरण केंद्र पर धक्का मुक्की ,वाद विवाद तो आम बात हो गई सब को जल्दी है सबसे पहले खाद लेना चाहते है। बुधवार को छोटे गरीब किसानों के परिवार खासे परेशान होते दिखें जो पहले से लाईन में होने के बाद भी धक्का मुक्की करने वाले लोेग उनसे पहले ही खाद ले लेते है। प्रशासन ने सुरक्षा की कोई व्यवस्था नही रखी है। बताया जा रहा है कि आधी रात से लोग लाईन में दर्जनों लोग लग जाते हैं मगर टोकन नही दिए जाने से भीड़ बढ्ती जाती है फिर खाद वितरण करना आसान नही होता है।
बुधवार को महिलाएं तक लाईन में लगी
किसान इतना मजबूर हो रहा है खाद के लिए कि घर का काम छुडवाकर महिलाओ को खाद की लाईन में खड़ा होना पड़ रहा है।कृषिमंत्री जी खाद के लिए गांव की महिलाओ को लाईन मे लगना पड़ रहा हैं।वहीं निजी दुकानों पर प्रति 100-150 रुपये अतिरिक्त लग रहा है। किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष मोहन सांई ने तीखी प्रतिक्रिया करते कहा कि पूर्व में सरकार ने कहा था कि ऋणी व गैर सदस्य किसान को भी खाद दी जायेगी मगर आदेश के विपरीत काम हो रहा है।
खाद की कालाबाजारी बंद हो
प्रदेश सरकार सेे किसानो की मांग है कि यूरिया डीएपी खाद की कालाबाजारी बंद हो सभी जिलो मे पर्याप्त खाद किसानो को उपलब्ध कराई जाए।छोटे मंझोले किसानों को विशेष ध्यान रखा जाए।आज अगर जिले का किसान पड़ोसी जिलों में खाद की जुगत लगा रहा है। उसके लिए और ज्यादा खर्चीला हो जायेगा।