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डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर का अपनी पैदल नर्मदा परिक्रमा 49वे दिन में हुआ आगमन

पवन प्रजापत मकड़ाई समाचार मनावर। पंचायत सिघाना में मां नर्मदा के किनारे नृसिंह टेकरी स्थित दीवान श्री हरिदासजी स्मारक पर गुरुवार को डिजिटल बाबा (स्वामी रामशंकर) का अपनी पैदल नर्मदा परिक्रमा के 49-वे दिन आगमन हुआ। आईपंथ और सिर्वी समाज के दसवें धर्मगुरु दीवान श्री हरिदासजी की नरसिंह टेकरी स्थित समाधि एक सिद्ध्स्थल है, जहां अहिल्याबाई होलकर द्वारा स्मारक बनवाया गया था।
स्वामी रामशंकर द्वारा नर्मदा के किनारे स्थित प्राचीन एवं आध्यात्मिक महत्व के स्थानों को उजागर करने तथा सेवा भाव से किए जा रहे कार्यों को समाज के समक्ष लाने के लिए डिजिटल संचार माध्यमों का भी उपयोग किया जाता है इसलिए वे डिजिटल बाबा के नाम से ख्यात हो रहे हैं। इसी क्रम में आप हरिदासजी स्मारक पर आए।
समाजजनों के साथ डिजिटल बाबा द्वारा यहाँ हरिदासजी समाधि पर पूजन एवं आईमाता तथा माँ नर्मदा की आरती भी की गयी. यह लोक मान्यता है कि ई.सन 1785 में आईपंथ के दसवें दीवान श्री हरिदासजी का महेश्वर आगमन हुआ था। और उन्होंने इष्ट देवी आईमाता के प्रताप से वेगवान उफनती नर्मदा को अपने घोड़े पर बैठकर पानी पर चलते हुए पार कर लिया था. अहिल्याबाई इनसे बड़ी प्रभावित हुई।
हरिदासजी सच्चे आईभाक्त एवं संत प्रवृति के थे। उन्हें अपनी लोक प्रशंसा पसंद नहीं थी इसलिए वे इसी स्थान पर योगबल से देह त्याग कर समाधिस्थ हो गए। साथ ही स्वामीभक्त घोड़े नें भी अपने प्राण त्याग दिए। आईमाता की आरती में भी उल्लेख आता है कि- “हरिदासजी पाणी पर चाल्या, अचरज करियो अहिल्याबाई.” अहिल्याबाई द्वारा उनकी स्मृति में एक छतरी का निर्माण कराया गया था। यह स्थान सिर्वी समाज एवं आईपंथ के लिए आज भी आस्था तथा श्रद्धा का केंद्र है। इसके जीर्णोद्धार के लिए प्रयास भी किए जा रहे हैं।

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इस अवसर पर सिर्वी समाज हरिदासजी स्मारक ट्रस्ट के संरक्षक देवानंदजी मुलेवा, पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश परिहार, प्रमुख ट्रस्टी भगवान जमादारी, राधेश्याम सेप्टा, ट्रस्ट के महासचिव दिलीपजी पटेल, इन्दर सेप्टा, राजेश बर्फा, धार सिर्वी समाज अध्यक्ष राधेश्याम मुकाती, ट्रस्ट उपाध्यक्ष लक्ष्मणजी परिहार, एच एल. देवड़ा, अशोक राठोर, जितेन्द्र लच्छेटा गोपालजी आर्य गंधवानी, के साथ मनावर, एवं बड़वानी तथा बडवाह क्षेत्र से बड़ी संख्या में सिर्वी समाजजन उपस्थित थे।