मध्यप्रदेश में आदिवासी महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा अन्याय व अत्याचार शोषण हो रहा: राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष -अनिता सोलंकी
आदिवासी नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम-2022 का आयोजन
महिला जनप्रतिनिधियों का किया सम्मान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की दी प्रस्तुति
बैतूल। समस्त आदिवासी समाज संगठन, महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में रविवार को “आदिवासी सामुदायिक मंगल भवन”बैतूल में “आदिवासी नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम-2022” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत फड़ापेन सुमरनी से की गई। इसके बाद सभी अतिथियों का परिचय व हल्दी चावल का टीका लगाकर संविधान की उद्देशिका भेंट की गई। कार्यक्रम में महिलाओं के द्वारा अलग-अलग समूह बनाकर पोस्टर के माध्यम से संवैधानिक अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य,स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता, कुटीर उद्योग, अपनी मातृभाषा जैसे आदि अनेक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा व गहन चिंतन मंथन किया गया। आदिवासी एकता परिषद, मध्य प्रदेश की प्रदेश सचिव आप हेमलता कटारा ने कहा कि महिलाओं का सशक्त नेतृत्व खड़ा करना, संगठन का विस्तार करना, महिलाओं अपनी ताकत बनाकर अपने हक अधिकारों के लिए संगठित होकर लड़ाई लड़नी होगी।
हमे महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय व शोषण के खिलाफ लड़ना होगा । कार्यक्रम के दौरान आप गीता उईके बैतूल,आशा वरकडे सिवनी, राखी करोची हरदा, माला वटी छिंदवाड़ा तथा मनीषा धुर्वे नर्मदापुरम (होशंगाबाद) को सर्वसहमति से आदिवासी एकता परिषद, मध्य प्रदेश महिला प्रकोष्ठ की जिला सचिव के रूप में मनोनीत किया गया। वहीं एमसीआई टीम बैतूल के द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक की प्रस्तुति दी गई। आदिवासी समाज की महिला जनप्रतिनिधियों का भी महिला प्रकोष्ठ के द्वारा सम्मान किया गया।*
*महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि अपनी भाषा, संस्कृति, सभ्यता को लेकर जागरूक होना आवश्यक है। इस संगोष्ठी में बैतूल जिले के अलावा छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, नर्मदापुरम, हरदा आदि जिलों से मातृशक्ति शामिल हुई। आदिवासी एकता परिषद के महासचिव आप अशोक चौधरी जी ने कहा कि मनुष्य की उत्पत्ति करोड़ो वर्ष पहले हुई, आधुनिक व्यवस्था में हम सभी गुलाम हैं। हमे अपनी भाषा, संस्कृति, सभ्यता को लेकर जागरूक होना हैं। हमें मालिक बनने की जरूरत हैं।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आप अनिता सोलंकी राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ आदिवासी एकता परिषद ने कहा कि महिलाओं को राष्ट्रीय स्तर पर संगठित होकर कार्य करना है। हमें शिक्षित होना है, मध्यप्रदेश में आदिवासी महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा अन्याय व अत्याचार शोषण हो रहा हैं, हमे जागरूक होने की जरूरत हैं। हमारे बेटे बेटियों को अच्छे संस्कार देने की जरूरत हैं। इस कार्यक्रम में उर्मिला खर्ते सामाजिक कार्यकर्ता, रमा टेकाम बालाघाट, मनीषा धुर्वे नर्मदापुरम, नंदिता धुर्वे छिंदवाड़ा, पूर्व सांसद ज्योति धुर्वे, महिला जिला उपाध्यक्ष दुर्गा उइके, देवेश्वरी मरकाम, गीता उइके, वीणा धुर्वे, डॉ भारती सरियाम, शशि वाड़ीवा, शिवानी धुर्वे, आरती परते, डॉ लिपि पदमाकर, पुष्पा मर्सकोले, चंपा गंजाम, रनिता धुर्वे, गनेशी कुमरे, मीनाक्षी कवड़े, सुशीला धुर्वे, निशु नर्रे, आरती कंगाले, भागवंती आहाके, स्मिता धुर्वे, अनिता सलाम, रेखा धुर्वे, जयवंती इरपाचे सहित आदिवासी समाज की अन्य मातृशक्ति उपस्थित थी ।