मकड़ाई समाचार भोपाल। प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों को देखते हुए आवश्यक व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। इसकी बीमारी के लिए उपयोगी दवा की कालाबाजारी और जमाखोरी न हो, इसके लिए जिला प्रशासन सतर्क रहे। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक के बाद कोरोना की स्थिति की समीक्षा के दौरान कही।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिन कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड केयर की आवश्यकता है, उनकी देखभाल कोविड केयर सेंटर में की जाए। इन सेंटर्स पर डॉक्टर की सलाह अनुसार ऐसे व्यक्तियों को आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जीवनरक्षक दवाओं की न तो कालाबाजारी होनी चाहिए और न ही जमाखोरी। ऐसा करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और अत्यावश्यक सेवा कानून के प्रविधानों के तहत कार्रवाई की जाए। किसी भी दोषी को बख्शा न जाए।
3.23 लाख से ज्यादा लोगों को बांटे गए मेडिकल किट
बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे 95.3 प्रतिशत लोग निरंतर संपर्क में हैं। अब तक शहरी क्षेत्रों में 2,49,603 और ग्रामीण क्षेत्रों में 73,744 लोगों को मेडिकल किट बांटे जा चुके हैं।
किल कोरोना अभियान का संचालन पूरी गंभीरता से हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए चलाए जा रहे किल कोरोना अभियान को पूरी गंभीरता के साथ चलाया जाए। प्रदेश में 25,433 मरीजों का निशुल्क इलाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत 2,930 मरीज निशुल्क उपचार प्राप्त कर रहे हैं। कोरोना मरीजों से संवाद और सकारात्मक वातावरण निर्माण में कोरोना स्वयंसेवकों की सेवाएं ली जाएं।