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सिद्धिदात्री के रूप में सजीं मैहर की मां शारदा

मकड़ाई समाचार सतना। आज चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन है। नवरात्र की नवमी होने के कारण देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु मैहर में मां शारदा के दर्शन के लिए पहुंचे हैं। सुबह ब्रह्ममुहूर्त से ही मां शारदा के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में भक्त कतार लगाकर पहुंच रहे हैं। मां शारदा को आज नौ देवियों के अंतिम स्वरूप माता सिद्धिदात्री के रूप सजाया गया है। मां शारदा के त्रिकूट पर्वत पर स्थित मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर से ही भक्तों की कतार शुरू हो जाती हैं और मां के दर्शन के लिए लोग कड़ी मशक्कत के बाद पहुंचते हैं।

बीते दिन अष्टमी के अवसर पर मैहर में करीब दो लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे जबकि आज अंतिम दिन यह संख्या ढाई लाख के भी पार जा सकती है। जानकारी अनुसार इस चैत्र नवरात्र में अब तक करीब 12 लाख श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए हैं। आज अंतिम दिन मैहर में और भी भीड़ है। आज नवमीं का अवसर होने पर मां शारदा का प्रातः कालीन ब्रह्म मुहूर्त में दिव्य श्रृंगार और महा आरती मंदिर के मुख्य पुजारी पवन पांडे दाऊ महाराज ने की।

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आज माता सिद्धिदात्री की उपासना कर रहे भक्त

आदिशक्ति मां जगदंबा के नौ रूपों में मां सिद्धिदात्री अंतिम हैं। देवीपुराण के अनुसार भगवान शिव ने इनकी कृपा से ही अपनी सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकंपा से ही भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण वे लोक में ‘अर्द्धनारीश्वर’ नाम से प्रसिद्ध हुए। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनका वाहन सिंह है। ये कमल पुष्प पर भी आसीन होती हैं। इनकी दाहिनी तरफ के नीचे वाले हाथ में कमलपुष्प है। ऐसा माना गया है कि मां भगवती का स्मरण, ध्यान, पूजन, हमें इस संसार की असारता का बोध कराते हुए वास्तविक परम शांतिदायक अमृत पद की ओर ले जाने वाला है। आज चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन है और आज भक्त नौ देवियों के अंतिम स्वरूप माता सिद्धिदात्री की अराधना कर रहे हैं। मैहर में इसे लेकर खास व्यवस्था की गई है क्योंकि अंतिम दिन श्रद्धालुओं की संख्या दो लाख से अधिक पहुंच जाती है। 1100 पुलिस जवान सुरक्षा में तैनात है।