सुखरास में डेंगू से 2 की मौत,  मरीजों की तादाद में हो रहा इज़ाफ़ा,  विभागीय सक्रियता को लेकर असमंजस !

हरदा मुख्यालय से करीब  5 किमी दूर ग्राम सुखरास में डेंगू के मरीजों की तादाद कम होने का नाम न ले रही। ग्राम के सरपंच जहां करीब 250 होने की बात कह रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग हरदा 70-80 मरीज  मिलने की बात स्वीकार रहा है।  सुखरास सरपंच के अनुसार डेंगू से 2 की मौत होना बता रहे हैं , वहीं विभाग मौत की जानकारी से अनभिज्ञता जता रहा है।

सरपंच अनिल पुनासे बताते हैं कि  मैंने दो बार मलेरिया अधिकारी और सीएम एच ओ को जानकारी दी थी। टीम आई थी। दो तीन घंटे आकर मरीजों को देखकर उपचार करके चली गई। कोई कैंप नही लगाया।  वही हमने ग्राम पंचायत की ओर से दो बार दवा का छिड़काव  कराया।  पुनासे के अनुसार आज भी आठ से दस मरीज डेंगू पीड़ित हैं। हरदा व अन्य जगह इलाजरत हैं।
ये हाल एक दो गांव के हैं। अंदाजा लगाइए कि  ज़िले में अन्य जगह क्या स्थिति निर्मित हो रही होगी।  स्वास्थ्य विभाग के डेंगू के उपचार और रोकथाम को लेकर किये जा रहे कार्यक्रमों का कोई स्पष्ठ ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है।

मकड़ाई एक्सप्रेस प्रतिनिधि वैभव चौधरी झाड़पा ने बताया कि ग्राम झाड़पा में 10 से 12 मरीज डेंगू के थे। स्वास्थ टीम आई थी। वो सभी ठीक हो गए। लेकिन वर्तमान में भी चार से पांच लोग अभी भी डेंगू के मरीज हरदा में निजी अस्पताल में भर्ती है।

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क्या कहना है इनका  –

“डेंगू के दो तीन केस आ रहे है। झाड़पा और सुखरास में डेंगू के मरीज मिले थे। हमने टीम पहुंचा कर इलाज करवाया। मरीजो की जांच की। वही अभी  70 से 80 मरीज मिले थे। अभी स्वस्थ है ।  डेंगू से किसी की भी मौत की जानकारी हमारे पास नहीं है। “

– एच पी सिंह,  सीएमएचओ हरदा

“पिछले डेढ़ माह में लगभग ढाई सौ मरीज बुखार मलेरिया डेंगू के गांव में निकले। किसी ने प्राइवेट तो किसी ने सरकारी अस्पताल में इलाज करवाया। वर्तमान में भी डेंगू के मरीज हरदा के अस्पताल में भर्ती है।आज भी आठ से दस मरीज डेंगू के मिले हैं । ये सभी लोग अपना इलाज अपनी स्थिति के अनुसार हरदा इंदौर में करवा रहे हैं।
मैंने दो बार मलेरिया अधिकारी और सीएम एच ओ को जानकारी दी। टीम आई थी। दो तीन घंटे आकर मरीजों को देखकर उपचार करके चली गई। कोई कैंप नही लगाया।  वही हमने ग्राम पंचायत की ओर से दो बार दवा का छिड़काव किया है। हमारे यहां डेंगू से दो लोगो की मौत हुई है।
भगवान सिंह सावनेर , ओंकार दास चौधरी की । इनका इलाज भी इंदौर हरदा में चला था। “

अनिल पुनासे , सरपंच सुखरास