मकड़ाई एक्सप्रेेस 24इंदौरं। कंजक्टिवाइटिस देखने से नहीं बल्कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। कंजक्टिवाइटिस होने पर अपनी आंखों को अपने हाथ से न छुएं, जब भी जरूरी हो अपने हाथों को धोएं, अपनी निजी चीजों जैसे तौलिया, तकिया, आई कास्मेटिक्स (आंखों के मेकअप) आदि को किसी से साझा न करें। अपना रूमाल, तकिये के कवर, तौलिये आदि को रोज धोना चाहिए। एक या दोनों आंखों का लाल या गुलाबी होना, जलन या खुजली होना, असामान्य रूप से अधिक आंसू निकलना, आंखों से पानी जैसा या गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना, आंखों में किरकिरी महसूस होना, आंखों में सूजन आ जाना जैसे लक्षण आएं तो सतर्क हो जाना चाहिए।
समय रहते नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें
समय रहते नेत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर इस समस्या से आसानी से राहत पाई जा सकती है। इसके दो प्रकार हैं, वायरल व बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस। कंजक्टिवाइटिस को फैलने से रोकने के लिए साफ-सफाई रखना सबसे जरूरी है। नईदुनिया के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में यह सुझाव नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. अर्पिता स्थापक दुबे ने दिए |
लेजर की सहायता से आसानी से चश्मा उतारा जा सकता है
डा. अर्पिता ने कहा कि मोतियाबिंद, कांचियाबिंद समेत आंखों की तमाम बीमारियों के लक्षण व उपचार की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लेजर की सहायता से आसानी से आंखों का चश्मा उतारा जा सकता है। 40 वर्ष की अायु के बाद नियमित रूप से आंखों की जांच नेत्र रोग विशेषज्ञ से कराना चाहिए। इससे कांचियाबिंद व मोतियाबिंद समेत अन्य बीमारियों का समय से पता चल जाता है और उपचार आसान हो जाता है।