ब्रेकिंग
कोटा: शादी के स्टेज पर लगी भीषण आग, दुल्हा- दुल्हन ने भागकर बचाई जान रतलाम में भारी बारिश: सड़को भराया पानी , आंधी से उखड़े पेड़, बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत आखिर क्यों झुंझलाए हरदा एसपी महोदय? एसपी और व्यापारी संघ अध्यक्ष के ऑडियो से उठे सवाल ! चोरी की नीयत... मध्यप्रदेश गुजरात सीमा से लगे हरीनगर एवं काकनवानी में अति ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल बेचने वालों पर दल ... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 20 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हरदा: खनिज के अवैध परिवहन में शामिल 4 डम्पर जप्त किये, डंफर मालिक निकले ठेकेदार मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया, प्रेस नोट में बताया चोरी के उद्देश्य से घुसे... मंत्री विजय शाह की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल लगाई रोक: इस पूरे मामले की जांच SIT कराने के... हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने हृदय अभियान की समीक्षा की बड़ी खबर हरदा से तेंदूपत्ता तोड़ने गई आदिवासी महिला पर सूअर ने किया हमला , महिला गंभीर घायल

पुण्य तिथि, बाजीराव पेशवा जैसे महान वीरों के कृतित्व से प्रत्येक भारतीय को होना चाहिए परिचित- देश पांडे

सुनील पटल्या गुर्जर बेड़िया। अपराजेय योद्धा बाजीराव पेशवा की वीरता आज भी हम भारतीयों को अन्याय, अपमान और आक्रमण के विरुद्ध संघर्ष की प्रेरणा देती है। मप्र के इतिहास के पाठ्यक्रम में बाजीराव पेशवा की वीरता और आदर्शों का अध्याय शामिल किया जाना चाहिए तथा बाजीराव की स्मृति में सैनिक स्कूल की स्थापना होना चाहिए।
                      उक्त आशय के उद्गार रावेरखेड़ी में विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायकराव देशपांडे ने बाजीराव पेशवा की पुण्यतिथि पर मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए। देशपांडे ने कहा कि बाजीराव पेशवा जैसे महान वीरों के कृतित्व से प्रत्येक भारतीय को परिचित होना चाहिए। उन्होंने बाजीराव के बचपन के प्रसंग बताते हुए कहा कि बाजीराव पेशवा बचपन में ही घुड़सवारी और तलवारबाजी में पारंगत हो गए थे। बाजीराव ने अपने जीवनकाल में संपूर्ण भारत  को मुगलों की दासता से मुक्त करने का बीड़ा उठाया था।
                 बाजीराव ने तत्कालीन राजाओं को एकजुट करने के लिए पत्र लिख कर कहा था कि हम सब हिंदू हैं । भारत हमारा देश है और अपने राष्ट्र की रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। बाजीराव ने भारत के सभी तीर्थ क्षेत्रों को मुगलों से मुक्त कराने का लक्ष्य निर्धारित किया था। बाजीराव न केवल दिल्ली अपितु काबुल और कांधार को भी मुगलों की दासता से  मुक्त कराने की योजना को साकार रूप देने के लिए प्रयासरत थे। बाजीराव भारत ही नहीं अपितु विश्व के सर्वश्रेष्ठ सेनापति थे।
                 प्रांत प्रचारक बलीराम पटेल ने कहा कि बाजीराव पेशवा अथक परिश्रम एवं पराक्रम की पराकाष्ठा के प्रतीक थे। यह दुःख का विषय है कि बाजीराव पेशवा और शिवाजी जैसे महान वीरों को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया। किंतु हमें बाजीराव पेशवा और शिवाजी की वीरता और ऊंचे आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना है।
            प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने कहा कि बाजीराव पेशवा भारत माता के सच्चे सपूत थे। हम उनको नमन करते हैं और बाजीराव पेशवा की समाधि स्थल के विकास और विस्तार हेतु प्रदेश सरकार हरसंभव मदद प्रदान करेगी। सांसद गजेंद्र पटेल ने भी बाजीराव पेशवा के कृतित्व का स्मरण किया। विधायक सचिन बिरला ने कहा कि बाजीराव पेशवा का समाधि स्थल हमारी पवित्र धरोहर है और यह स्थान भारत का गौरव स्थल बनेगा। हम बाजीराव पेशवा के महान कृतित्व से प्रेरणा लेकर राष्ट्र सेवा का संकल्प धारण करते हैं।
              प्रतिष्ठान के संरक्षक श्रीपाद कुलकर्णी ने बताया कि बाजीराव पेशवा के समीप विकास कार्यों के लिए 29 करोड़ रु के टेंडर हो चुके हैं और अगले 11 माह में यहां पर बाजीराव पेशवा की 14 फीट ऊंची अश्वारोही प्रतिमा स्थापित होगी और रामेश्वर मंदिर पुल तथा समीप स्थित पांच एकड़ भूमि पर बाजीराव पेशवा संग्रहालय, सौ सीटों वाला थियेटर, फूड झोन, परिक्रमावासियों के लिए विश्रामालय, पार्किंग आदि का निर्माण होगा। इस दौरान श्रीराम मंडल के अध्यक्ष छज्जूलाल पटेल, प्रतिष्ठान के अध्यक्ष लक्ष्मण इंगले, मनोज बिर्ला, विवेक भटोरे, नगेन्द्र मुछाला सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रचार प्रमुख परसराम चौहान एवं आभार प्रदर्शन कोषाध्यक्ष रीतेश पाटीदार ने किया।