हरदा । अमूमन पुलिस की वर्दी को लेकर आने वाली नकारात्मक खबर बहुत तेज़ी से वायरल होती है। लेकिन जब पुलिस इसी वर्दी के साथ आमजन के प्राणरक्षक के रूप में सकारात्मक रूप से सामने आती है तो समाज में उसे वो स्थान नहीं मिल पाता है जिसके वो हकदार होते हैं। समाज के साथ ही विभाग को भी ऐसे देवदूतों, कानून के रक्षकों को उचित सम्मान व शाबासी देना चाहिए जिससे उनका मनोबल बढ़ सके।
हरदा की पुलिस ने एक युवक को सही समय पर पहुंचकर फांसी के फंदे से बचाकर न सिर्फ एक व्यक्ति बल्कि एक परिवार को टूटने से बचा लिया। फंदे पर चढ़ यम के दर्शन करने वाले युवक ने देवदूतों की मदद से नया जीवन प्राप्त किया। उस युवक ने अपने प्राणरक्षकों को देवतुल्य बताया ।
जानकारी के मुताबिक बस स्टैंड क्षेत्र में रहने वाले राहुल डोंगरे उम्र 32 अपने माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। पारिवारिक लड़ाई और बेरोजगारी के चलते आज सुबह लगभग 11 बजे फांसी लगाने का प्रयास कर रहा था । उसकी पत्नी मीरा बाई ने बदहवास हो पुलिस थाने पहुंचकर अपने पति को बचाने की गुहार लगाई । पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर घर का दरबाजा तोड़कर उस युवक को बचाया। इस सराहनीय कर्तव्यपरायण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका थाना प्रभारी रमेश नागले, एएसआई संजय ठाकुर, प्रधार आरक्षक तुषार धनगर, आ. संजय ठाकुर, सैनिक चंद्रकिशोर ने निभाई।
जब पुलिस बनी प्राणरक्षक –
सुबह लगभग 11 बजे का समय था, सिटी कोतवाली में थाना प्रभारी रमेश नागले, एएसआई संजय ठाकुर अपने पुराने केसों की फाईल देख रहे थे, तभी एक 25-30 वर्षीय महिला बदहवास नंगे पैर दौड़ते हुए थाने में आकर बोली साहब मेरे पति को बचा लो, वह फांसी लगा रहा है। पुलिस वालों ने भी उसकी स्थिति देखकर कोई पूछताछ नहीं की। तत्काल मोटर सायकल उठाई और महिला को बैठाकर उसके घर रवाना हो गए। बस स्टैंड के पास उस महिला के घर पहुंचकर खिड़की से झांककर देखा तो एक व्यक्ति गले में फंदा डालकर कूलर पर चढ़ा हुआ था । उसके लटकने से पूर्व पुलिस ने पहुंचकर बाहर से उसे समझाने का प्रयास किया । लेकिन वह मानने को तैयार ही नहीं था। तब दरवाजे को तोड़ना शुरु किया गया। जब उस युवक ने देखा कि यह लोग दरवाजा तोड़कर मुझे बचा लेंगे, तो वह फंदे पर लटक गया। बहुत देर के प्रयास के बाद पुलिस ने अंततः दरवाजा तोड़ दिया और लटके हुए व्यक्ति को किसी तरह बचा लिया। थोड़े से नशे में इस कृत्य को करने वाले युवक को पुलिस ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया।
गलती का एहसास होने पर युवक पुलिस को देवतुल्य बताया और कहा कि आज इन्हीं के कारण मैं बच पाया ।