छत्तीसगढ़ कोरोना के मामलों में तेजी देखने वाले राज्यों में से एक है, लेकिन यहां पर दुर्ग की हालत बहुत खराब है | यहां शवगृहों में शवों की संख्या लगातार बढ़ रही है| शवदाहगृहों में हैरान-परेशान संबधी PPE किट पहनकर अंतिम संस्कार कर रहे हैं|
मकड़ाई समाचार दुर्ग | एक तरफ कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने देश के बड़े शहरों में कहर मचा रखा है, वहीं छत्तीसगढ़ के जिले दुर्ग में इससे हो रही मौतों ने एक और बड़ी समस्या खड़ी कर रखी है. छत्तीसगढ़ कोरोना के मामलों में तेजी देखने वाले राज्यों में से एक है. लेकिन यहां पर दुर्ग की हालत बहुत खराब है| यह जिला कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है, स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने हफ्ते भर के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी है| मंगलवार से शुरू हो रहा है| यहां के स्थानीय शवगृह में शवों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यहां पिछले सात दिनों में 38 मरीजों की मौत हो चुकी है. पिछले सात दिनों में 6,000 से ज्यादा केस सामने आए हैं. अस्पतालों में डॉक्टरों की हालत खराब है. सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति यहां के 500 बेड वाले सरकारी अस्पताल की है. यहां के शवगृह में आठ फ्रीज़र हैं, लेकिन रखने को 27 शव हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वो जल्द से जल्द मरीजों के संबंधियों को उनके शव नहीं सौंप पा रहे.
अस्पताल में कई समस्याएं
सी एच एम ओ दुर्ग ने बताया कि ‘हर रोज कोविड से चार-पांच लोगों की मौत हो रही है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि लोग हालत बहुत ज्यादा खराब हो जाने के बाद अस्पताल आ रहे हैं…जब उनका ऑक्सीजन लेवल 40 से 50 फीसदी तक गिर जा रहा है, ऐसी हालत में भर्ती हो रहे हैं| डॉक्टर बालाकिशोर ने एक और समस्या का जिक्र किया और वो मेडिकल स्टाफ की कमी. इससे कोविड के इतर दूसरी बीमारियों के मरीजों को भी समस्या आ रही है. उन्होंने बताया कि अस्पताल फिलहाल कोविड के अलावा दूसरी बीमारियों के मरीजों के लिए सेवाओं को बंद करने की कोशिश कर रहा है| कोविड से जान गंवाने वाले मरीजों के हैरान-परेशान संबंधी PPE किट पहनकर वहां उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं. यह तस्वीरें पिछले साल के उस हॉरर की याद दिला रही हैं, जब कोरोना की पहली लहर में देश भर से ऐसी तस्वीरें आई थीं.