हरदा: कुचबंदिया समाज : परिवार के कुलदेवता की टिपारी को दूल्हा देव बाबा मंदिर (भवन) में रखे जाने एवं उनकी पूजन पाठ भी मंदिर में करने की मांग, एसपी कलेक्टर थाना प्रभारी को सौंपा ज्ञापन
हरदा। शनिवार को टंकी मोहल्ला निवासी दो दर्जन से अधिक लोग हरदा एसपी कार्यालय, सिविल लाइन थाना पहुंचे। जहा कुचबंदिया समाज के लोगों ने एक शिकायती आवेदन देते हुए। परिवार के लोगों ने पूर्व में समाज के एक व्यक्ति के द्वारा पुलिस प्रशासन को की गई । शिकायत को झूठी एवं असत्य बताया। और परिवार के लोगों ने मांग की है। की हमारे कुलदेवता की टिपारी को मंदिर के अंदर ही रखा जाए। किसी व्यक्ति विशेष के घर नहीं रखा जाए। ताकि सभी परिवार जन उनकी पूजा पाठ कर सके।
क्या था शिकायत आवेदन।
प्रति
1) श्रीमान कलेक्टर महोदय,
हरदा, जिला-हरदा (म.प्र.)
2) श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय,
हरदा, जिला-हरदा (म.प्र.)
3) श्रीमान थाना प्रभारी महोदय,
पुलिस थाना सिविल लाईन हरदा (म.प्र.)
विषय:- कैलाशचन्द्र कुचबंदिया द्वारा दिया गया आवेदन पूर्णतः झूठा एवं मनगढ़ंत है, उसे निरस्त किये जाने बाबत्।
महोदय,
मैं आवेदक पूनमचंद पिता मोहनलाल, आयु 65 वर्ष, जाति कुचबंदिया, निवासी वार्ड क्र. 1, टंकी मोहल्ला हरदा, तह. व जिला हरदा (म.प्र.), मोबा. 9617668650 का रहने वाला हूँ।
1) हमारे परिवार के कुलदेवता की टिपारी को दूल्हा देव बाबा मंदिर में रखे जाने एवं उनकी पूजन पाठ भी मंदिर में ही किये जाने की बात का सभी परिवारजन समर्थन करते हैं।
2) यह कि, विगत् लगभग 40-50 वर्ष पहले बाबा की बैठक के दौरान बाबा स्वयं दौड़ते-दौड़ते गये और पूरा परिवार उनके पीछे गया, और एक स्थान पर जाकर बाबा ने त्रिशूल गाढ़ दिया, और कहा कि दूल्हा देव बाबा का मंदिर इसी स्थान पर बनेगा, तब बाबा के कहेअनुसार हमारे स्यानी सौदा परिवार के सभी वरिष्ठजनों की सहमति से बाबा का मंदिर विधि विधान से पूजन पाठ कर बाबा की प्राण प्रतिष्ठा की गई, तभी से बाबा का पूजन पाठ आज वर्तमान तक इसी मंदिर में किया जा रहा है, जो कि हमारे कुल देवता का एक मात्र मंदिर है। उसके कुछ समय पश्चात् हरदा नगर पालिका एवं शासन द्वारा परिवार कुटुम्बजनों की सहमति से 30 लाख रुपए से अधिक लागत से दूल्हा देव भवन का निर्माण कार्य कराया गया है।
3) यह कि, कुलदेव दूल्हा देव बाबा की टिपारी किसी व्यक्ति विशेष के घर नहीं होकर दूल्हा देव भवन में सुरक्षित तरीके से रखी जाए, पूर्व में भी टिपारी इसी स्थान पर रखी जाती रही है, जिसे श्री कैलाशचन्द्र कुचबंदिया द्वारा परिवारजनों की बिना सहमति से कुछ समय से अपने निजी घर में रखी जा रही है, जो कि गलत है। जबकि टिपारी को कुलदेवता के मंदिर में ही रखी जाना चाहिए।
4) यह कि, विगत 40 से 50 वर्षों से कुलदेव की टिपारी की पूजा विधिवत शांतिपूर्ण तरीके से परिवार-कुटुम्बजनों की सहमति से दूल्हा देव भवन में मुख्य सेवक के रूप में मेरे द्वारा पूजा पाठ की जाती रही है तथा कुछ वर्षों से कैलाशचन्द कुचबंदिया एवं समस्त परिवार के सदस्यों द्वारा की जा रही है। भविष्य एवं वर्तमान में भी कुलदेव दूल्हा देव बाबा की टिपारी की पूजा पाठ दूल्हा देव भवन में ही किया जाना उचित होगा, इसमें स्थान परिवर्तन किया जाना उचित नहीं है। क्योंकि दूल्हा देव बाबा भवन ही हमारा व हमारे परिवार का आस्था का केन्द्र है तथा समय-समय पर देव-पडिहार के द्वारा भी बैठक के दौरान इसी स्थान को सिद्ध बताया गया है/चिन्हित किया गया है।
5) यह कि, परिवार के सदस्यों की सहमति से कोई भी व्यक्ति कुलदेव दूल्हा देव बाबा की टिपारी का पूजन पाठ कर सकता है, इसमें किसी को भी कोई आपत्ति नहीं है, कुलदेव दूल्हा देव बाबा की टिपारी पर परिवार के सभी सदस्यों का समान अधिकार है।
6) यह कि, दिनांक 18/10/2024 को विमुक्त घुमन्तु जनजाति विकास परिषद अखिल भारतीय म.प्र. के लेटर पेड पर जिलाध्यक्ष श्री कैलाशचन्द्र कुचबंदिया द्वारा जो मेरे एवं अन्य 20-22 लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है, जो कि पूर्णतः असत्य एवं मनगढ़ंत है, जिसका विरोध सभी परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया है एवं समर्थन में शपथ पत्र भी प्रस्तुत कर रहे हैं।
अतः श्रीमान से निवेदन है कि मेरे खिलाफ एवं परिवार के अन्य 20-22 सदस्यों के खिलाफ कैलाशचन्द्र कुचबंदिया द्वारा जो शिकायत की गई है, वह पूर्णतः गलत एवं मनढंगत है, जिसे निरस्त किये जाने की कृपा करें।
दिनांक – 28/12/2024
आवेदक
पूनमचंद पिता मोहनलाल
एवं
समस्त परिवारजन/शपथकर्तागण