मकड़ाई समाचार हरदा। घरों में छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाले घरेलू विवाद के चलते कई परिवार टूट जाते हैं। हरदा पुलिस ने अलग-अलग रह रहे पति-पत्नी के बीच मध्यस्थ बनकर एक साथ रहने के लिए राजी कर लिया। ऐसे में टूटते हुए घर को दोबारा से आबाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दरअसल, हरदा के इमलीपुरा क्षेत्र में रहने वाली नजराना का निकाह नर्मदापुर जिले के शिवपुर में रहने वाले मोहम्मद इरफान से करीब दो साल पहले हुआ था। जिसके बाद दोनों का एक बेटा है।
नजराना का आरोप था कि उसके सास-ससुर उससे दहेज की मांग कर मारपीट करते है। वहीं, घर कच्चा होने से उसका बेटा अक्सर मिट्टी खा लिया करता है। वहीं, ससुर बच्चे को गोदी में नहीं लेते है। घर में छोटी-छोटी बातों को लेकर हर कभी विवाद होता रहता था। जिसको लेकर वह अपने बच्चे को लेकर अपने ससुराल से पति को छोड़कर अपने पीहर में आकर बीते तीन महीनों से रह रही थी।
इस मामले में पुलिस ने सामाजिक दायित्व निभाते हुए बिखरते परिवार को मिलाकर एक कर दिया। तीन माह से पत्नी मायके में थी। पुलिस के पास जब मामला गया, उस वक्त पुलिस कर्मियों ने दोनों को समझाइश दी। जिसका असर यह हुआ की दोनों एक साथ खुशी-खुशी घर रवाना हुए। पुलिस ने बताया कि जिन बातों से दोनों अलग हुए वह बातें बहुत ही मामूली थी। घर जाने के पहले दोनों ने पुलिस को शुक्रिया कहा।
पति इरफान का कहना था कि जब भी हमारे घर किसी बात को लेकर तू-तू मैं-मैं होती थी और मेरी पत्नी अपने परिजनों को फोन लगा देती थी।उसके घर वाले आकर बिना बात किए उसे ले गए थे। महिलाओं के मुद्दों को लेकर हमेशा से लड़ाई लड़ने वाली शहर की वरिष्ठ अधिवक्ता रंजना भारद्वाज का कहना कि अक्सर देखने में आता है कि ससुराल से बेटी हर छोटी छोटी बातों के लिए अपनी माँ को फोन लगाती है।जिससे कई बार घर टूटने की नौबत तक आ जाती है। अतः किसी भी परिवार के लोगों को बेटी के ससुराल में हस्तक्षेप करने से परहेज करना चाहिए।