हरदा । बीते कल थाना प्रभारी थाना हरदा द्वारा मृतक अनिल माणिक की हत्या के मामले में कलेक्ट्रेट पर 10 प्रदर्शनकारियों को अनाधिकृत मजमा लगाने को लेकर नोटिस जारी किया गया है।
पत्र में मृतक की पीड़िता को मुआवजा राशि व नौकरी देने का हवाला देकर प्रदर्शन न करने की बात कही गयी।
मालूम हो, जनपद पंचायत कांग्रेस अध्यक्ष पति धर्मेंद्र पटेल जो अनिल माणिक हत्याकांड में फरार इनामी आरोपी है। इस समय पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जबकि दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं।
इधर, धर्मेंद्र पटेल की गिरफ्तारी को लेकर आंदोलनकारियों ने सोमवार को मुख्यमंत्री, कॄषिमंत्री के पुतला जलाने की बात कही थी।
थाना से क्या पत्र हुआ जारी –
कार्यालय थाना प्रभारी थाना हरदा जिला हरदा
1. राहुल पगारे
2. महेन्द्र काशिव
3. धनसिंह भल्लावी
4. देवीसिंह परते
5. सुखराम बामने
6. अजय मंडलेकर
7. पंकज अंबेडकर भुवनखेडी
8. उमाशंकर चावडा
9. उमेश सेजकर वकील
10. दिनेश चौरसिया
आपको जरिये नोटिस सूचित किया जाता है कि दिनांक 20.01.2022 से आपके द्वारा भीड एकत्रित कर कलेक्ट्रट गेट पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है, जो –
1. आपका मजमे में 05 से अधिक व्यक्तियों की अवैध मंडली बनाई गई है, जो गैर-कानूनी है।
2. आपके मजमें से कलेक्ट्रेट कार्यालय के गेट पर शासकीय कर्मचारियों व आम नागरिकों के
आवागमन में अवरोध उत्पन्न कर कार्य को प्रभावित किया जा रहा है, जो गैर-कानूनी है।
3. आपकी मांगे मान ली गई है, पुलिस द्वारा आरोपी को पकड़ने के भरसक प्रयास किये जा रहे है व उक्त मांग को लेकर आपसे समय भी चाहा गया है, फिर भी आपके द्वारा अवैध मजमा बनाए रखा है, जिससे आपके द्वारा अवैध रूप से दबाव बनाया जा रहा है, जो गैर-कानूनी है।
अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि दिनांक 23.01.2022 के प्रातः 08.00 बजे तक उक्त अवैध मजमे को कलेक्ट्रेट गेट हरदा के सामने से हटाया जाए न हटाने की दशा में क्यों न आपके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए।
हरदा के सरकारी अधिवक्ता सुखराम बामने की प्रतिक्रिया –
अनिल माणिक हत्या के प्रकरण मे पीड़ित परिवार को एस सी- एस टी एक्ट के कानूनी प्रावधान पर सलाह देना और आंदोलन मे भोजन आदि की व्यवस्था करने पर सुखराम बामने अधिवक्ता को शहर कोतवाली पुलिस थाना हरदा द्वारा नोटिस दिया सुखराम बामने ने एक्ट के प्रावधान के तहत पीड़ित को शासकीय नौकरी और 825000/- रूपये की सहायता आदि की कानूनी सलाह दी।
पुलिस प्रशासन बदले की भावना में कार्य करते हुए किसी के दबाब में आकर मुझे को नोटिस दिया । अगर पीड़ित परिवार को न्याय हेतु कानूनी सलाह और आंदोलन पर बैठे लोगो के लिए भोजन आदि की व्यवस्था करना व आंदोलन को पीछे से स्पोर्ट करना अपराध है तो मैं पुलिस प्रशासन से निवेदन करता हूँ कि आप मेरे विरुद्ध बदले की भावना से कार्यवाही करते हुए मुझे जेल भिजवा सकते हैं। आपका स्वागत है ।