लखपति ने गरीब बनकर आवासीय पट्टे में लगवाया टॉवर : महिला सरपंच ने कलेक्टर को की शिकायत, पंचायत की आपत्ति , ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी दंबगई के साथ टावर हो गया खड़ा, अधिकारी जांच करने तक नहीं पहुंचे!

हरदा। उक्त शीर्षक पढ़कर आप हैरान हो गए होगे। लेकिन ये सच है। गांव में कुछ लोग गरीब बनकर अधिकारियों की जी हुजूरी कर नियम विरुद्ध कार्य करवाते है। लेकिन दुर्भाग्य कहे कि ग्राम पंचायत के चुने हुए जनप्रतिनिधि सरपंच और ग्राम की सभा में लिए गए प्रस्ताव को भी अधिकारी नहीं मानते। ऐसा ही एक मामला हरदा जिले के ग्राम महेंद्र गांव में सामने आया जहा महिला सरपंच के हक अधिकारों को जिला प्रशासन के अधिकारी मानने को सुनने को तैयार नहीं। महिला सरपंच छायाबाई गौर ने लिखित शिकायत आपत्ति और ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के साथ जिला कलेक्टर एसडीएम तहसीलदार सभी को शिकायत की लेकिन न तो शिकायत को किसी अधिकारी ने गंभीरता से सुना और नहीं मौके पर कोई अधिकारी जांच करने पहुंचा।
मकड़ाई एक्सप्रेस से चर्चा में महिला सरपंच ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा को प्रदेश के मुखिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं को सशक्त आत्म निर्भर बनाने की बात करते है। कहने को तो ग्राम का प्रधान सरपंच को चुना जाता है। लेकिन अधिकारी सरपंच और ग्राम सभा के प्रस्ताव को मानने को तैयार नहीं।
ऐसे हालात में एक महिला सरपंच को पद पर बिठाने और गांव की जिम्मेदारी देने का उद्देश्य क्या है। संविधान में जब ग्राम सभा को सबसे अहम माना गया है ।
तो फिर ये अधिकारी उसको क्यों नहीं मानते।
महिला सरपंच ने कहा कि गांव में बिना परमिशन गांव के एक व्यक्ति ने टावर खड़ा कर दिया। जबकि नियमानुसार आवासीय बस्ती से दूर। और निजी भूमि में जहा किसी को कोई आपत्ति न हो ऐसे स्थान पर उसको लगवाना चाहिए। गांव के एक व्यक्ति ने अधिकारियों की साठगांठ से टावर खड़ा कर दिया।
जबकि ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत ने इसका विरोध किया। लेकिन किसी भी अधिकारी ने नहीं सुना। और नहीं कोई देखने आया।
महिला सरपंच ने कहा कि अभी जनपद पंचायत खिरकिया सरपंच संघ के अध्यक्ष को शिकायत की है। अगर उसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो मुख्यमंत्री के पास जाकर अपनी बात रखेंगे।