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Mp Big News: नर्मदा पुरम में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में लगभग 27 लाख का घोटाला मामले में भाजपा विधायक प्रतिनिधि सहित दस अन्य आरोपियों को 7 – 7 साल की सजा

नर्मदा पुरम : जिले के पिपरिया में हुए समर्थन मूल्य पर दस साल पुराने मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस मामले में अमानत में ख्यानात करने वाले एक दर्जन आरोपी अब जेल की हवा खायेगे।
मिली जानकारी के अनुसार गेहूं खरीदी के 26 लाख 95 हजार 343 रुपए के घोटाले (भ्रष्टाचार) में पिपरिया भाजपा विधायक प्रतिनिधि सहित दस आरोपियों को कोर्ट ने सात सात साल की कैद एवं 5 हजार रुपए तक के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
अभियुक्तों में नवनीत सिंह नागपाल उर्फ डब्लू(वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष नीना नागपाल पति), विपणन संघ अध्यक्ष अजय कुमार माहेश्वरी, पूर्व मार्केटिंग संचालक जगदीश अग्रवाल, मार्केटिंग प्रबंधक राजेंद्र दुबे सहित संचालक मंडल के सदस्य सतीश कुमार जायसवाल, हेमराज चौधरी, राघव सिंह, सहित तीन महिलाएं शामिल हैं।

मामला दस साल पुराना है। इसका फैसला शुक्रवार को पिपरिया के प्रथम सेशन न्यायाधीश कैलाश प्रसाद मरकाम ने अपनी कोर्ट से पारित किया है। ये सभी आरोपी धारा 409 आईपीसी के अपराध में दोषी पाए गए हैं। फैसला आने के बाद पुलिस ने अभियुक्तों को उप जेल पिपरिया भेज दिया। इस सजा को लेकर पूरे जिले में लोगों में गहमा-गहमी का माहौल रहा। कई भाजपा नेता भी कोर्ट परिसर में दिखाई दिए।

क्या था पूरा मामला –

जानकारी के मुताबिक 15 जून 2013 में विपणन सहकारी समिति मर्यादित पिपरिया के समिति संचालक होते हुए सदस्यगण वर्ष 2013-14 के गेहूं खरीदी के संबंध में लोकसेवक के रूप में पदस्थ थे। अभियुक्तगणों ने उपार्जित किए गए 104034.19 क्विंटल गेहूं में से उपार्जित मात्रा के अनुपात में 1416.19 क्विंटल गेहूं निगम को कम सौंपा था। 1628.86 क्विंटल गेहूं अमानक स्तर पर उपार्जित किया और परिवहन के दौरान 185.02 क्विंटल गेहूं की कमी पाई गई। कोर्ट ने माना अभियुक्तगण ने कर्तव्यहीनता से गेहूं में कमी, सूखत, परिवहन में कमी, अमानक स्तर के गेहूं की खरीदी कर शासन को क्षति कर नुकसान पहुंचाया। निगम को 1416.19 क्विंटल गेहूं की राशि 21 लाख 24 हजार 285 रुपए, 1628.86 क्विंटल गेहूं की 2 लाख 93 हजार 528 रुपए एवं 185.02 क्विंटल गेहू की राशि 2 लाख 77 हजार 530 रुपए की क्षति पहुंचाई। कुल नुकसान(क्षति) कोर्ट ने 26 लाख 95 हजार 343 रुपए की आंकी है।

कोर्ट ने कहा-समाज में ऐसे अपराध की पुनरावृत्ति न हो…

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-पिपरिया के प्रथम सेशन न्यायाधीश कैलाश प्रसाद मरकाम ने अपने उक्त दिए गए फैसले में ये भी लिखा कि समाज में ऐसे अपराध की पुनरावृत्ति न हो सके इसलिए कठोर सजा दिया जाना उचित होगा। ताकि नए आने वाले अपराधियों में दंड का भय बना रहे।

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