रहटगांव : सच में पुलिस के हाथ बहुत लंबे होते है। कागजों में 11 साल पहले जो मर गया। उसे पुलिस ने जिंदा दिल्ली में ढूंढ निकाला, मृतक बन गया था किन्नर,
हरदा : जिले के थाना रहटगांव क्षेत्र में 11 साल पहले दर्ज हुए एक गुमशुदगी और हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। लंबे समय तक मृत मान लिए गए राजसिंह (परिवर्तित नाम) को पुलिस ने दिल्ली से जिंदा ढूंढ निकाला है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब पुलिस की जांच के दौरान यह पता चला कि राजसिंह किन्नर समुदाय के साथ रहकर जीवन व्यतीत कर रहा था।
क्या था पुराना मामला।
हरदा जिले के रहटगांव थाना अंतर्गत 11 साल पहले दर्ज किए गए गुमशुदगी और हत्या के मामले में पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया । जुलाई 2013 में दर्ज की गई गुमशुदगी रिपोर्ट के बाद, पुलिस मृतक राजसिंह (परिवर्तित नाम) को ढूंढने में असफल रही थी। जनवरी 2017 में मृतक के पिता ने विशेष सत्र न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ हत्या और साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाए । लेकिन पुलिस की लगातार कोशिशों के बावजूद, हत्या से संबंधित कोई ठोस सबूत नहीं मिले अंततः अगस्त 2019 में केस बंद कर दिया गया था।
पुरानी रंजिश नहीं, बल्कि किन्नर जीवन जीने की वजह से हुआ रहस्य उजागर
आज पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस वार्ता कर एसपी अभिनव चौकसे ने इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा की फरवरी 2023 में, मृतक के पिता की असंतुष्टि के बाद, मामले की दोबारा जांच शुरू की गई।
जिला पुलिस अधीक्षक हरदा के निर्देश पर एसडीओपी टिमरनी आकांक्षा तलया को मामले की अगुवाई सौंपी गई। उन्होंने गहन पूछताछ के दौरान यह तथ्य उजागर किया कि मृतक का रहन-सहन और बातचीत का तरीका किन्नर समुदाय जैसा था।
जिससे जांच को एक नई दिशा मिली। इसके बाद, पुलिस ने हरदा और आसपास के जिलों में किन्नर समुदाय के सदस्यों से पूछताछ की और मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। अंततः, तकनीकी मदद से पुलिस को पता चला कि मृतक दिल्ली और पंजाब के विभिन्न क्षेत्रों में किन्नर के रूप में रह रहा है।
पुलिस की टीम को 11 साल बाद मिली सफलता
11 साल की लंबी जांच पड़ताल के बाद, हरदा पुलिस ने दिल्ली से मृतक राजसिंह (परिवर्तित नाम) को सुरक्षित और जीवित दस्तयाब किया। पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे के नेतृत्व में यह बड़ी सफलता हासिल की गई। विवेचना में एसडीओपी आकांक्षा तलया, थाना प्रभारी मानवेन्द्र सिंह भदौरिया और उनकी टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आरोपी को पकड़ने में इनकी रही महत्वपूर्ण भूमिका।
उक्त प्रकरण में विवेचक एसडीओ (पी) टिमरनी आकांक्षा तलया के साथ साथ उप निरीक्षक मानवेन्द्र सिंह भदौरिया की विशेष भूमिका एवं सउनि. बीएमएस सोलंकी, प्र.आर.राकेश तुमराम, प्र.आर. रोहित रघुवंशी, प्र.आर. बुदेश जोठे, आरक्षक राकेश पटेल, आरक्षक अर्जुन लीवंशी, आर. लोकेश सातपुते, आर. रामजीलाल नरें की सराहनीय भूमिका रही है।
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