नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वार्षिक द्विपक्षीय शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार को पहुंचे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पुतिन के भारत पहुंचने पर उनकी अगुवानी की। उसके बाद पुतिन सीधे लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास गए जहां दोनों नेताओं ने आमने-सामने बैठक की। बाद में प्रधानमंत्री ने उनके लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया।
रूसी राष्ट्रपति के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें उप-प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव, विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्यापार एवं उद्योग मंत्री डेनिस मंतुरोव शामिल हैं। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति पुतिन, भारत में आपका स्वागत है। बातचीत को लेकर उत्सुक हूं, इससे भारत-रूस संबंध और प्रगाढ़ होंगे।’’ उनका ट्वीट रूसी भाषा में भी पोस्ट किया गया।
S-400 मिसाइल पर आज होगा करार
भारत और रूस के बीच आज S-400 मिसाइल डिफेंस डील पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। इसके अलावा अंतरिक्ष और ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर भी दोनों देशों में करार हो सकता है। वहीं आज स्मेलन में दोनों नेता विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा करेंगे। इनमें मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध और आतंकवाद विरोधी सहयोग शामिल हैं।
इन समझौतों पर होगा करार
भारत-रूस के बीच कई द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इनमें भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली देने के लिए पांच अरब डॉलर का करार शामिल है। हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों से रक्षा, अंतरिक्ष, व्यापार, ऊर्जा और पर्यटन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन मुख्य ध्यान एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे पर होगा क्योंकि यदि इस पर हस्ताक्षर किए गए तो इससे रूस से हथियारों की खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन हो सकता है। वहीं मोदी और पुतिन ईरान से कच्चे तेल के आयात पर अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभाव पर भी विचार कर सकते हैं। रूस भारत के प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्त्ताओं में से एक रहा है।
पुतिन का कार्यक्रम
मोदी के साथ बातचीत करने के अलावा रूसी नेता पुतिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ भी बैठक करेंगे। वे प्रतिभाशाली बच्चों के एक समूह के साथ भी बातचीत करेंगे और भारत-रूस व्यापार बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद समझौतों का आदान-प्रदान होगा और मोदी-पुतिन साझा बयान जारी करेंगे।
S-400 मिसाइल डील पर ट्रंप की नजर
अमरीकी प्रतिबंध के साए में भारत और रूस एस-400 डिफैंस मिसाइल सिस्टम डील पर सहमति करने के लिए तैयार है। पांच बिलियन डॉलर की इस मैगा डिफैंस डील पर अमरीका काऊंटरिंग अमेरिकन एडवर्सरीज सैंक्शन्स (काटसा) प्रतिबंध लगा सकता है। पिछले महीने अमरीका ने चीन पर यही बैन लगाया था। तब चीन ने रूस से लड़ाकू विमान और मिसाइल डिफैंस सिस्टम खरीदा था। गौरतलब है कि काटसा प्रतिबंध का इस्तेमाल अमरीका ने उन देशों पर दबाव बनाने के लिए किया है जो रूस के साथ अहम रक्षा सौदा करता है।
S-400 मिसाइल की खासियत
भारत अपने वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली खरीदना चाहता है, खासतौर पर लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा के लिए। इसमें दुश्मनों के लड़ाकू विमान गिराने की जबरदस्त क्षमता है। यह मिसाइल 400 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन को आसमान में ही खत्म कर सकता है। इतना ही नहीं, एस-400 में अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिराने की भी ताकत है। अगर यह डील फाइल हो जाती है तो चीन के बाद भारत के पास भी यह ताकत होगी। बता दें कि चीन ने भी रूस से इस मिसाइल को खरीदा है।