हरदा । शीर्षक पढ़ने में भले अजीब सा लगे, पर सोशल मीडिया पर दो वायरल वीडियो के देखने के बाद शीर्षक की सच्चाई से आप रूबरू हो सकते हैं। रेत माफिया की ट्राली के आगे न निकल पाने की मजबूरी और रेत माफिया के व्हाट्सएप्प ग्रुप पर कार्रवाई में हो रही देरी ये वो वजहें हैं जो शीर्षक को बल देती दिखाई देती हैं।
हकीकत यह है कि रेत माफियाओं द्वारा बेखौफ रेत परिवहन करने और आने वाली मुसीबत से बचने के लिए बाकायदा एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बना रखा है। इसमे पुलिस, राजस्व, खनिज विभागों की छोटी से छोटी हरकत की जानकारी देकर ग्रुप को अलर्ट किया जाता है। जिससे समय रहते वे अपनी सुरक्षा और बचाव की जुगत भिड़ा लेते हैं। और विभाग ठगे से रह जाते। हालांकि सूत्र बताते हैं कि रेत माफियाओं का सूचनातंत्र इतना मजबूत और सक्रिय है कि उन्हें कार्रवाई से पहले खतरे का अलर्ट मिल जाता है। वे प्रशासन के खुफिया तंत्र से कहीं अधिक मजबूत व सक्रिय दिखते हैं। तहसीलदार द्वारा कार्रवाई के दौरान एक वाहन के ड्राइवर म मोबाइल जब्त करने पर उसमें व्हाट्सएप्प ग्रुप की जानकारी को उन्होंने स्वयं साझा किया। हालांकि जिला प्रशासन द्वारा खबर लिखे जाने तक व्हाट्सएप्प ग्रुप और उसके सदस्यों के विरुद्ध किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसी आशंका होती है कि प्रशासन कार्रवाई से जानबूझकर बचता है या कोई और वजह इसके पीछे है। सूत्रों की मानें तो माफियाओं की मदद में सरकारी लोगों की बड़ी अहम भूमिका होती है। जाहिर तौर पर ये मदद मुफ्त में नहीं कि जाती होगी।
whatsapp ग्रुप के ऑडियो सुनिए और अंदाज़ा लगाइए कि आखिर माफिया किस तरह काम करते हैं। साथ ही अनुमान लगाइए कि प्रशासन किस तरह अपना कर्तव्यपालन करता है।
विगत दिवस हरदा से हंडिया के बीच एक रेत माफिया का रेत परिवहन करते वीडियो बनाया गया जिसमे माफिया के सहयोगी ट्राली के साथ चलते दिखे। रास्ते मे चलती ट्रॉली को हायड्रोलिक सिस्टम से सड़क पर रेत फेंक दी गयी।
हमले की आशंका और अज्ञात भय के चलते हूटर बजाता पीछे चलता वाहन माफिया की ट्राली के आगे जाने की हिम्मत न कर सका।
सोशल मीडिया में वायरल व्हाट्सएप्प ग्रुप ऑडियो और हूटर वाली गाड़ी द्वारा रेत ट्रॉली का पीछा करने के वीडियो को भोपाल के आरटीआई विशेषज्ञ अजय दुबे ने फेसबुक पर अपनी टिप्पणी के साथ मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग किया।
◆ क्या लिखा अजय दुबे ने –
हरदा में रेत माफिया की ताकत आम आदमी तो जानता था लेकिन अब तहसीलदार को भी पता चली जब इनका व्हाट्स एप ग्रुप पकड़ा .
इस ग्रुप में सरकारी गाड़ियों की निगरानी का जिक्र ।तहसीलदार ने रेत ट्रॉली का पीछा किया तो रेत सड़क पर।
CM Madhya Pradesh PMO India
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