महिलाओ को पीरियड के समय शारीरिक एवं मानसिक कमजोरी होती है। इस दौरान कई प्रकार पीढ़ा होती है। इसलिए इस दौरान छा़त्राओ को अवकाश दिए जाने की मंाग काफी दिनों से उठ रही थी। देश के सभी शैक्षणिक संस्थाओ में मिडिल कक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्राओ को पीरियड के दौरान 6 दिन का अवकाश दिया जाना न्यायसंगत होगा।
मकड़ाई एक्सप्रेस 24 जबलपुर। मप्र धर्मशास्त्र नेशनल ला यूनिवर्सिटी ने युवतीए महिलाओं को आने वाले मासिक धर्म यानी पीरियड्स में अवकाश देने का फैसला किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस आदेश को लागू भी कर दिया है। प्रशासन ने कहा कि छात्राओं की सेहत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
प्रबंधन तथा अधिकारियों के साथ परामर्श किया
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति डाण्शैलेष एन हाडली ने कहा कि स्टूडेंट बार एसोसिशन की तरफ से छात्राओं के पीरियड्स में अवकाश देने की मांग उठाई थी। जिसके बाद इस संबंध में प्रशासनिक स्तर पर बैठक की गई। जिसमें डीएन एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता समेत कई अधिकारियों के साथ परामर्श किया और राहत देने का निर्णय लिया गया। आदेश के तहत छात्राओं को छह दिन का पीरियड्स के दौरान अवकाश लेने की पात्रता होगी। ये अवकाश सभी छात्राओं को प्रत्येक सेमेस्टर जो कि पांच माह का होता है उसके अंतर्गत दी जाएगी।
हम रूढ़िवादी और वर्जनाओं को इस निर्णय से तोड़ सकेंगे
सांस्कृति और अनय हम कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दी जानी वाली छह अवकाश का यह हिस्सा होगी। कुलपति के मुताबिक पीरियड्स की छुट्टी न केवल छात्राओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में मदद करेगी बल्कि पीरियड्स से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियां को भी दूर करेगी। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक जरूरत को स्वीकार करते हुए हम रूढ़िवादी और वर्जनाओं को इस निर्णय से तोड़ सकेंगे। यह समग्र शैक्षिक अनुभव को भी बढ़ाएगी।