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उत्‍तराखंड हादसे के बाद टिहरी, कोटेश्‍वर पॉवर प्‍लांट बंद, नेशनल ग्रिड को 200 मेगावॉट बिजली आपूर्ति ठप

उत्तराखंड में हिमस्खलन के चलते स्थानीय प्रशासन ने टिहरी और कोटेश्वर के दो प्लांट को बंद कर दिया है। इससे नेशनल ग्रिड में करीब 200 मेगावॉट बिजली आपूर्ति की कमी हो गई है। एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि स्थानीय प्रशासन ने तबाही की आशंकाओं को देखते हुए दो छोटे पनबिजली परियोजनाओं को बंद कर दिया है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित इन दोनों परियोजनाओं को एहतियात के तौर पर बंद किया गया है। एनटीपीसी ने अपनी बिजली परियोजना के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि की है। अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख पनबिजली परियोजनाएं 25 मेगावॉट से अधिक क्षमता की हैं। यह सभी निर्माणाधीन हैं। इसलिए यहां पर बिजली आपूर्ति ठप पड़ने का सवाल ही नहीं उठता हैआपदा प्रभावित क्षेत्रों में ज्यादातर पनबिजली परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इन छोटी परियोजनाओं की क्षमता 25 मेगावॉट तक ही हैं। यह छोटी पनबिजली परियोजनाएं ज्यादातर सरकारी ही हैं।हालांकि, सरकारी एनटीपीसी की एक बड़ी पनबिजली परियोजना को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। तपोवन में एनटीपीसी पनबिजली प्लांट पर जलप्रलय सा नजारा देखने को मिला। यह पावर प्लांट 520 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करता था। जबकि टिहरी पनबिजली परियोजना की क्षमता एक हजार मेगावॉट और कोटेश्वर 400 मेगावॉट है। इन दोनों बिजली प्लांटों का संचालन टीएचडीसी करती है। इसी की सहायक कंपनी एनटीपीसी है। एक बार जलस्तर नीचे गिरने के बाद ही असली नुकसान का पता चलेगा।