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एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं निशुल्क मोतियाबिंद शिविर का हुआ आयोजन

128 लोग हुए प्रशिक्षण में शामिल, 121 लोगों की हुई आंखों की निशुल्क जांच

मकड़ाई समाचार सिराली। सेवा सदन नेत्र चिकित्सालय बैरागढ़ ,भोपाल एवं अंतरराष्ट्रीय संस्था सीबीएम के विशेष सहयोग से प्राथमिक नेत्र जांच केंद्र, सिराली द्वारा ग्राम पंचायत मालेगाव में एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं निशुल्क मोतियाबिंद शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें 121 ग्रामीणों की आंखों की निशुल्क जांच की गई।

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प्राथमिक नेत्र जांच केंद्र ,सिराली के सेंटर संचालक अजय मंडलेकर ने बताया कि ग्राम पंचायत मालेगाव में एक दिवसीय आंखों संबंधित प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें 128 लोग शामिल हुए। प्रशिक्षण में ग्रामीणों के बीच आंखों से संबंधित जानकारियां प्रदान की गई। आंखों की बीमारीयो से ग्रामीणों को अवगत कराया। मोतियाबिंद के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे देश में दृष्टिहीनता का प्रमुख कारण है। मोतियाबिंद अधिकतर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होता है। इस कारण दृष्टि कमजोर हो जाती है। इलाज समय से नहीं कराने पर व्यक्ति दृष्टि बाधित हो सकता है। इसलिए समय पर मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना बहुत ही आवश्यक है।

प्राथमिक नेत्र जांच केंद्र के ऑप्टोमेट्रिस्ट हरी सेन ने ग्रामीणों को प्रशिक्षण में सलाह प्रदान की और बताया कि आंखों में काला मोतिया भी हो सकता है। दृष्टि के चोर के रूप में जाना जाने वाला काला मोतिया जो नेत्र की दृष्टि के लिए खतरा पैदा करने वाला रोग है। वर्तमान में काला मोतिया दृष्टिहीनता का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इसमें व्यक्ति की खोई हुई दृष्टि वापस नहीं लाई जा सकती आंखों की देखभाल के लिए समय पर इलाज कराना आवश्यक है।

एक दिवसीय प्रशिक्षण सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 तक समापन हुआ। वहीं मोतियाबिंद शिविर में दोप.1.30 बजे से 5 बजे तक आंखों की जांच हुई।
प्रशिक्षण के दौरान ग्राम पंचायत भवन मालेगाव में 121 ग्रामीणों की आंखों की निशुल्क जांच की गई। मोतियाबिंद वाले मरीजों को ऑप्टोमेट्रिस्ट हरि सेन द्वारा निशुल्क ऑपरेशन की सलाह प्रदान की। जांच के दौरान जिन लोगों को चश्मे का नंबर पाया गया उन्हें संस्था द्वारा चश्मा निशुल्क प्रदान किया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण में ग्राम पंचायत सरपंच महोदय सतीश इवने,सचिव मधुसूदन पाटिल, कमलेश उइके,चिमन धुर्वे, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुखमनी इवने,सुखपती उइके , जागेश्वर इवने, मनोहर इवने, रामदास धुर्वे, भुरु अहाके , श्यामलाल इवने आदि अनेक ग्रामीण प्रशिक्षण व शिविर में मौजूद रहे।