मकड़ाई समाचार हंडिया। हम भारतवासियों ने पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया था , संविधान को लागू हुए 74 वर्ष पूर्ण हो गये। मंगलवार ,26 जनवरी को 74 वा और अगले वर्ष पूरा भारत अपना 75 गणतंत्र दिवस पर्व बड़े उल्लास के साथ मना रहे होंगे जैसे के हमने आज़ादी के 75 वीं वर्षगांठ आयोजित की। भारत का संविधान समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व के मूल्यों पर हमारे राष्ट्र के निर्माण का मार्गदर्शक रहा है। इसने आधारशिला के रूप में कार्य किया है जिस पर भारत के लोगों ने अपनी आकांक्षाओं को प्राप्त करने, चुनौतियों से पार पाने और परिवर्तन करने का प्रयास किया है| हालांकि, बड़ी संख्या में लोग उन मूल्यों, अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में पूरी तरह से जागरूक और सचेत नहीं हैं जो इस शक्तिशाली दस्तावेज़ का आधार बनते हैं।
लोगों को संविधान के प्रति जागरूक करने और 74 गणतंत्र दिवस मानाने के उद्देश से सिनर्जी संस्थान ने हर दिल में संविधान पहुचे इस उद्देश से ग्राम बागरूल में संविधान जमघट का आयोजन हुआ किया गया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम संविधान प्रस्तावना का सामुहिक वाचन हुआ। इसके बाद युवाओं ने नाटक, डांस, गीत, रंगोली बनाकर अलग- अलग प्रस्तुति दे कर अधिकार और कर्तव्य तथा संविधान प्रस्तावना के मुख्य मूल्यों और राज्य की विशेषताओं पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि के रूप में नेवेन्द्र भाटी शिक्षक, निलेश ग्राम पंचायत बागरूल से, लोकेन्द्र, बालराम सिंह, सभी का स्वागत संविधान की प्रस्तावना और फूल भेंट कर किया गया। युवालय के शेख नासिर ने सिनर्जी संस्थान के काम के बारे में बताया। राजेश कलम व्दारा संविधान की जरूरत और उसके बनाने की प्रक्रिया के बारे मे , संविधान में निहित अधिकार और मूल्यों पर भी चर्चा की। राजेश कलम ने बाते की संविधान सिर्फ पढ़े लिखे लोगों के लिए ही नहीं बल्कि हम हर बच्चे, युवा, बड़े सभी नागरिको के लिए हैपुरे देश के १८० जिलो में हर दिल में संविधान अभियान का आयोजन सामजिक संस्थाए कर रहे ताकि आप जन को इसके प्रति जागरूक किया जा सके और ७५ वें गणतंत्र वर्ष को हर्ष उल्लास के साथ आयोजित करें। गाँव के युवा वंदना, शिवानी, सलोनी, मोना ,सपना अनुराधा, दिपीका, विनिता, रवि ,रिकी, आनद विश्व ,मनिष सिनर्जी संस्थान से टीम साथी संजू, राजंती, वंदना, रविराज राजपूत चाइल्ड लाईन से, अशोक मौजूद रहें।