ब्रेकिंग
Aaj ka rashifal: आज दिनांक 11 अप्रैल 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे हरदा जनपद पंचायत की चौखट से शुरू होता है। भ्रष्टाचार का खेल, भ्रष्टाचार रूपी दानव पैर पसार चुका कई ग... हरदा: पिस्टल दिखाकर लूट की वारदात को अंजाम देने वाले 3 आरोपियों में एक को पुलिस ने धर दबोचा, फरार 2... MP में बच्चों के लिए आई धांसू 'पार्थ योजना'! 9 शहरों में मिलेगी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग, मंत्री ने दिए बड... बैलगाड़ी दौड़ गोपालपुर में रुंदलाय और भोनखेड़ी के बैलो ने जीता पहला इनाम मध्य प्रदेश टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत पाएं ₹10 हजार से ₹1 लाख तक का बिजनेस लोन बहुत कम ... लाड़ली बहना अकेली नहीं! MP सरकार की इस दमदार योजना में गर्भवती महिलाओं को मिलते हैं सीधे ₹1400, जानि... मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला! गौशालाओं को अब ₹40 प्रति गाय, पशुपालन योजना का नाम बदला। जानें नई M... MP Big Breking News: सरकारी विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाई और 2972 पदो निकाली भर्ती: हजारों बेरोजगारो स... हरदा: एमडी ड्रग्स, अफीम तथा शराब छुड़वाने के लिए डॉक्टर विशाल सिंह बघेल दिलाएंगे निःशुल्क परामर्श.

निशाने पर कमल नाथ, 42 साल पुराने गढ़ छिंदवाड़ा में भाजपा कर रही घेराबंदी

मकड़ाई समाचार भोपाल। कांग्रेस के दिग्गजों को उनके गढ़ में घेरने की भाजपा की रणनीति में अब निशाने पर कमल नाथ हैं। हाईकमान छिंदवाड़ा में उन कमजोर कड़ियों का अध्ययन करा रहा है, जिससे कमल नाथ को शिकस्त दी जा सके। 25 साल पहले सुंदरलाल पटवा ने यहां कमल खिलाया था, उसके बाद भाजपा को यहां जीत नहीं मिल सकी है। 2004 के लोकसभा चुनाव में प्रहलाद पटेल ने ताल ठोकी थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें भाजपा के खाते में गईं, लेकिन छिंदवाड़ा कमल नाथ का अभेद्य किला बना रहा। तब कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ ने यहां से जीत दर्ज की थी।

2024 में इसे भी फतह करने की तैयारियां भाजपा ने शुरू कर दी हैं। रणनीति है कि कमल नाथ को 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके गढ़ तक ही सीमित कर दिया जाए, ताकि वे प्रदेश में कांग्रेस के प्रचार के लिए भी वक्त न निकाल पाएं। यही वजह है कि पार्टी ने दो साल पहले से ही लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने देश की 156 ऐसी संसदीय सीटों को चिह्नित किया है, जो बेहद कमजोर हैं और पार्टी लंबे समय से चुनाव नहीं जीत पाई है। इसमें मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट भी शामिल है।

- Install Android App -

कार्यकर्ताओं से बात करने पहुंचे गिरिराज

2019 के चुनाव में भाजपा ने आदिवासी चेहरा नत्थन शाह को टिकट दिया तो हार का अंतर 37 हजार536 पर आया। अब भाजपा यहां की कमजोर कड़ी का अध्ययन कर रही है कि आखिर पराजय का मुख्य कारण क्या है, समस्या कहां है? इन तथ्यों को जानने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आने वाले दो दिनों तक छिंदवाड़ा में कार्यकर्ताओं से बात करेंगे। इसकी रिपोर्ट आने के बाद पार्टी अपनी रणनीति बनाएगी। भाजपा ने 2024 में इस सीट को जीतने का लक्ष्य रखा है।

द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने के बाद भाजपा को उन राज्यों से उम्मीदें बढ़ गई हैं, जहां आदिवासी सीटों की खासी संख्या है या कह सकते हैं कि जहां कई सीटों पर आदिवासी समुदाय का प्रभाव है। ऐसे राज्यों में मध्य प्रदेश भी शुमार है। 2018 में मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय के मुंह फेर लेने से भारतीय जनता पार्टी सत्ता से बाहर हो गई थी। अब बदली हुई परिस्थितियों में पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी समुदाय का एक तरफा समर्थन हासिल करने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है।