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फिल्मों का विरोध क्यों और कब तक

राखी सरोज:-

नेपोटिजम का विरोध बॉलीवुड में आज कल एक नया मोड़ लेकर आया है। अभिनेताओं के बच्चों की फिल्मों का विरोध हो रहा है। जिसमें जानवी कपूर की आने वाली फिल्म गुंजन सक्सेना का विरोध बड़े ही जोर-शोर से किया जा रहा है। एक एक्टर की मौत के विरोध में इस प्रकार का प्रदर्शन करते हुए क्या हम यह सोचते हैं कि बॉलीवुड में फैले नेपोटिजम के पीछे कहीं ना कहीं हमारा भी हाथ है। हमने हमेशा बड़े नाम वाले लोगों की फिल्मों को हिट करवाया। हमने कभी अच्छी कहानी और एक्टिंग वाली फिल्म को पैसे खर्च कर के देखना जरूरी ही नहीं समझा हैं।

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नेपोटिजम का विरोध आज हम अवश्य ही दुख और दर्द के कारण कर रहे हैं। किंतु यदि हम इस विरोध का असल मकसद और असल राह को नहीं समझ पाएं, तो इस विरोध की कोई मंजिल नहीं होगी और यह विरोध बीच राह में ही अपना दम तोड़ देगा। हमें हर अच्छे कलाकार को समर्थन देना चाहिए। किसी भी इंसान के हाथ में नहीं होता है कि वह कहां जन्म लें सकें। किंतु प्रत्येक व्यक्ति अपनी मेहनत करके खुद को साबित कर सकता है। यदि वह किसी अभिनेता का रिश्तेदार है केवल इस लिए किसी का विरोध करना उचित नहीं है। हमें अच्छी प्रतिभा रखने वाले सभी लोगों का समर्थन करना चाहिए। नफ़रत या दुख से नहीं असल में सच्चे प्रतिभागियों को समर्थन देना चाहिए।