उत्तरप्रदेश। कई बार कुछ इस तरह के मामले सामने आ जाते जिस पर विश्वास नही होता है। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सामने आया। जहा एक थाने में दर्ज हुई FIR बहुत हैरत वाली मिली। धोखाधडी का प्रकरण हाई कोर्ट पहुंचा तो मामले की एफ आर आई पढकर हैरान रह गए।
शिकायतकर्ता की पहले ही हो गई मौत।
हाईकोर्ट ने पुरुषोत्तम सिंह और चार अन्य के मामले में सुनवाई की थी। इसमें पता चला कि उत्तर प्रदेश की कुशीनगर पुलिस ने जिस व्यक्ति को शिकायतकर्ता बताकर एफआईआर दर्ज की है, उसकी मौत तीन साल पहले ही हो चुकी थी। यानी पुलिस ने मृतक को ही शिकायतकर्ता बना दिया। यहां तक की पुलिस ने अपनी चार्जशीट में उस व्यक्ति को गवाह भी नामित किया।
यह एफआईआर दर्ज होने के बाद हाईकोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद केस की कार्रवाई रद्द करने और एसपी कुशीनगर को जांच के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने कहा क्या भूत ने एफ आई आर दर्ज कराई
इस एफआईआर पर हाईकोर्ट ने हैरानी जताई और कहा कि ऐसा लगता है कि भूत ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने कहा कि ‘केस के तथ्य से वह अवाक हैं, किस तरह पुलिस अपराध की विवेचना करती है। पुलिस ने तीन वर्ष पहले मरे आदमी का बयान दर्ज कर लिया।’ कोर्ट ने विवेचना अधिकारी की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी किए हैं।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि जिस व्यक्ति को शिकायतकर्ता बताकर एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, उसकी मौत 19 दिसंबर, 2011 को चुकी थी। इसका जिक्र कुशीनगर के सीजेएम की रिपोर्ट में भी किया गया है। यह रिपोर्ट मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर बनाई गई थी।