खिरकिया : भाषा देश के विकास की कुंजी है। भाषा से संवाद और संचार होता है। अपनी निज भाषा से व्यक्ति का स्वयं का उत्थान होता है। लेकिन जब विभिन्न भाषाओं का एक दूसरे से मिलन होता है, तो वह गुलदस्ता बन जाती है। यह बात स्थानीय विष्णु राजोरिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ, एके मिश्रा ने शनिवार को भारतीय भाषाई दिवस, जो कि तमिल कवि एवं स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्यम भारती के जयंती पर मनाया गया, कही।उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति विरासत भी विभिन्नता में एकता लिए हुए हैं। यदि भाषायी विविधता में भी एकता स्थापित हो जाए, तो देश की संस्कृति और सभ्यता भी अपने अनूठे अंदाज में स्थापित होकर भाषायी एकता से वैश्वीकरण स्थापित किया जा सकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के तारतम्य में 25 सितंबर से 11 दिसंबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाना था।इस दौरान महाविद्यालय स्तर में भाषण प्रतियोगिता एवं दौड़ का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ एके शर्मा, देवेंद्र शुक्ला,मनोज पाराशर ने भी भाषाई दिवस पर अपने विचार रखें।कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक प्रभारी श्रीमती प्रतिभा सांवरिया ने किया। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सहभागिता कर कार्यक्रम में सहयोग किया।