ब्रेकिंग
Big breaking news: टिमरनी:अवैध रेत चोर माफिया के हौसले बुलंद, छापामार कार्यवाही करने पहुंची राजस्व ट... कमलनाथ मुख्‍यमंत्री होते तो आज किसानों का कर्जा माफ हो जाता!  कर्जमाफी जैसे कई फैसलों से कमलनाथ ने ... हरदा की मातृ शक्ति द्वारा भव्य भारत भक्ति यात्रा निकाली जलाधारी मंदिर में मूर्तियां खंडित, असामाजिक तत्वों ने की थी तोड़फोड़,पुलिस कार्यवाही से असंतुष्ट हिं... हरदा: ग्रामीणों की समस्याओं का अब उनके ‘गांव की चौपाल’ में ही होगा निराकरण: कलेक्टर श्री जैन वक्फ संशोधन कानून 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई: याचिकाकर्ता के वकीलों ने धारा 3 डी पर उठाए स... आपरेशन सिन्दूर मे उपयोग अस्त्र के बारे में राहुल गांधी के सवाल पर भड़के भाजपा नेता हंडिया : पीएम श्री गवर्नमेंट मिडिल स्कूल में 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन समर कैंप का आज हुआ समापन भारत में फिर लौटा कोरोना: सावधान भारत में मिल रहे कोरोना के मरीज!  मंगलवार तक 257 मरीज मिले 2की हुई... कोटा: शादी के स्टेज पर लगी भीषण आग, दुल्हा- दुल्हन ने भागकर बचाई जान

MP BIG NEWS: सोयाबीन की कीमतों पर किसानों का विरोध: जानिए कृषि मंत्री का बयान

Soyabean Price: हाल के दिनों में सोयाबीन की कीमतों में लगातार गिरावट से परेशान किसान अब विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। विभिन्न किसान संगठन सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं, जिसमें वे सोयाबीन की बढ़ती लागत और घटते भाव के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि सोयाबीन की कीमतें पिछले 12 सालों की तुलना में भी कम हो गई हैं, जबकि उत्पादन लागत में काफी इजाफा हुआ है। इस समय सोयाबीन की कीमतें ₹3500 से ₹4200 प्रति क्विंटल के बीच हैं, जो कि 2012 के भाव के करीब हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर भी खरीदी न होने से किसानों को लागत निकालने में कठिनाई हो रही है।

सोयाबीन की खेती में गिरावट

मध्य प्रदेश, जिसे सोया स्टेट के रूप में जाना जाता है, में पिछले कुछ वर्षों में सोयाबीन की बुवाई का रकबा घटता जा रहा है। वर्ष 2020 में 59 लाख हेक्टेयर भूमि पर सोयाबीन की खेती हुई थी, जो अब 2024 में घटकर 53 लाख हेक्टेयर रह गई है। हालांकि सोयाबीन की खेती का क्षेत्रफल कम हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद कीमतों में कोई उल्लेखनीय बढ़ोतरी नहीं हो रही है।

कीमतों में गिरावट और किसानों की चिंता

सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के अनुसार, 2013-14 में सोयाबीन का औसत भाव ₹3823 प्रति क्विंटल था, जो वर्तमान कीमतों के करीब आ गया है। पिछले साल जुलाई में सोयाबीन की कीमत ₹5000 प्रति क्विंटल थी, जिसमें इस साल 800 से 1500 रुपए की गिरावट दर्ज हुई है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि फसल आने से पहले ही कीमतें गिर गई हैं। किसानों का कहना है कि सोयाबीन की प्रति एकड़ लागत ₹20,000 से ₹22,000 के बीच आती है, जबकि वर्तमान कीमतों पर उन्हें केवल ₹18,000 से ₹19,000 की आय हो रही है।

- Install Android App -

आयात शुल्क में कमी का प्रभाव

किसानों और विशेषज्ञों का मानना है कि सोयाबीन की घटती कीमतों के पीछे सरकार द्वारा आयात शुल्क में की गई कमी एक मुख्य कारण है। इसके कारण आयातित खाद्य तेलों की मात्रा में वृद्धि हुई है, जिससे घरेलू सोयाबीन की मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

कृषि मंत्री का बयान

किसानों के विरोध के बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने सोयाबीन की कीमतों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मप्र सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और सोयाबीन के किसानों को नुकसान से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। कृषि मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के नुकसान को न्यूनतम करने के लिए कदम उठाएगी।

सोयाबीन की घटती कीमतों और बढ़ती लागत के बीच किसान परेशान हैं और अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। हालांकि, सरकार द्वारा की जा रही प्रयासों से उम्मीद की जा सकती है कि सोयाबीन के किसानों को राहत मिलेगी और उनके आर्थिक नुकसान को कम किया जा सकेगा। किसानों को इस समय धैर्य रखने की जरूरत है और सरकार के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की दिशा में कदम उठाना होगा।