ब्रेकिंग
आपरेशन सिन्दूर मे उपयोग अस्त्र के बारे में राहुल गांधी के सवाल पर भड़के भाजपा नेता हंडिया : पीएम श्री गवर्नमेंट मिडिल स्कूल में 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन समर कैंप का आज हुआ समापन भारत में फिर लौटा कोरोना: सावधान भारत में मिल रहे कोरोना के मरीज!  मंगलवार तक 257 मरीज मिले 2की हुई... कोटा: शादी के स्टेज पर लगी भीषण आग, दुल्हा- दुल्हन ने भागकर बचाई जान रतलाम में भारी बारिश: सड़को भराया पानी , आंधी से उखड़े पेड़, बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत आखिर क्यों झुंझलाए हरदा एसपी महोदय? एसपी और व्यापारी संघ अध्यक्ष के ऑडियो से उठे सवाल ! चोरी की नीयत... मध्यप्रदेश गुजरात सीमा से लगे हरीनगर एवं काकनवानी में अति ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल बेचने वालों पर दल ... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 20 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हरदा: खनिज के अवैध परिवहन में शामिल 4 डम्पर जप्त किये, डंफर मालिक निकले ठेकेदार मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया, प्रेस नोट में बताया चोरी के उद्देश्य से घुसे...

सबरीमाला मंदिर के आज खुलेंगे कपाट, महिलाओं को रोकने के लिए जुटे कई संगठन

सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज पहली बार मंदिर के कपाट मासिक पूजा के बाद खुलेंगे। लेकिन कई संगठनों की ओर से फैसले के विरोध के कारण क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। फैसले का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को मंदिर की ओर आ रहे वाहनों की जांच शुरू की। उन्होंने प्रतिबंधित उम्र की महिलाओं को लेकर मंदिर की ओर से जाने वाले वाहनों को रोक दिया।

रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी मंदिर जाने के रास्ते में स्थित निलाकर बेस कैंप पर डेरा डाले हुए हैं और महिलाओं को पंबा की ओर भी नहीं जाने दे रहे हैं, जहां तक पहले महिलाओं को जाने की इजाजत थी। पहाड़ी पर स्थिति सबरीमाला मंदिर से करीब 20 किमी. दूर स्थित शिविर में परंपरागत साड़ी पहने महिलाओं के समूह को प्रत्येक वाहनों को रोका जा रहा है। इनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं। निजी वाहनों के अलावा श्रद्धालुओं ने केरल राज्य पथ परिवहन निगम की बसें भी रोकीं और उनमें से युवतियों को बाहर निकलने को कहा।

- Install Android App -

एक महिला आंदोलनकारी ने कहा, प्रतिबंधित 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को निलाकल से आगे नहीं जाने दिया जाएगा और उन्हें मंदिर में पूजा नहीं करने दी जाएगी। मंदिर को मलयालम थुलाम महीने में पांच दिन की मासिक पूजा कि लिए खोला जा रहा है। 22 अक्तूबर को इस मंदिर के कपाट फिर से बंद हो जाएंगे। केरल सरकार ने साफ किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने को प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि किसी को बी कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। साथ ही राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुर्नविचार याचिका दाखिल नहीं करने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश को उसी स्वरूप में लागू करेगी।

बता दें कि सबरीमाला मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बड़ी संख्या में केरल की महिलाएं विरोध कर रही हैं और उन्होंने जगह-जगह विरोध मार्च निकाला है। इसी कड़ी में मंगलवार को एक महिला ने सार्वजनिक रूस से फांसी लगाने की कोशिश की। हालांकि, वहां खड़े लोगों ने उसे रोक दिया। कोर्ट के आदेश का विरोध कर रही शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं ने भी घोषणा की है कि अगर बुधवार को प्रतिबंधित आयुवर्ग की महिलाएं मंदिर में प्रवेश की कोशिश करेंगी, तो वे सामूहिक रूप से आत्महत्या करेंगी।
उल्लेखनीय है कि इस फैसले के खिलाफ ही कई संगठनों ने कोर्ट का रुख किया है। इसमें नेशनल अयप्पा डिवोटीज एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन पमुख हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर त्वरित सुनवाई से इनकार कर दिया है। ऑल केरल ब्राह्मण एसोसिएशन ने भी फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है।