ब्रेकिंग
आपरेशन सिन्दूर मे उपयोग अस्त्र के बारे में राहुल गांधी के सवाल पर भड़के भाजपा नेता हंडिया : पीएम श्री गवर्नमेंट मिडिल स्कूल में 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन समर कैंप का आज हुआ समापन भारत में फिर लौटा कोरोना: सावधान भारत में मिल रहे कोरोना के मरीज!  मंगलवार तक 257 मरीज मिले 2की हुई... कोटा: शादी के स्टेज पर लगी भीषण आग, दुल्हा- दुल्हन ने भागकर बचाई जान रतलाम में भारी बारिश: सड़को भराया पानी , आंधी से उखड़े पेड़, बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत आखिर क्यों झुंझलाए हरदा एसपी महोदय? एसपी और व्यापारी संघ अध्यक्ष के ऑडियो से उठे सवाल ! चोरी की नीयत... मध्यप्रदेश गुजरात सीमा से लगे हरीनगर एवं काकनवानी में अति ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल बेचने वालों पर दल ... Aaj ka rashifal: आज दिनांक 20 मई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे हरदा: खनिज के अवैध परिवहन में शामिल 4 डम्पर जप्त किये, डंफर मालिक निकले ठेकेदार मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया, प्रेस नोट में बताया चोरी के उद्देश्य से घुसे...

महिला ने किया अपने बॉस का कत्ल, वजह जान करेंगे हिम्मत को सलाम

रियादः  सऊदी अरब में हाल ही में एक महिला को मौत की सजा दे दी गई, पर जिस कारण उसे ये सजा दी गई है, उसे जान कर हर कोई इस फैसले की निंदा कर रहा है। महिला को ये सजा अपने बॉस की हत्या करने के जुर्म में दी गई और ये हादसा तब हुआ जब उसका बॉस उसके साथ रेप करने की कोशिश कर रहा था। पीड़ित महिला इंडोनेशिया की रहने वाली थी। ये कहनी इंडोनेशियाई महिला तुती तुर्सिलावटी की है, जो सऊदी अरब के थैफ शहर में मेड का काम करती थी। साल 2010 में महिला ने अपने बॉस का खून कर दिया था। महिला का कहना था कि वह उसके साथ रेप करने की कोशिश कर रहा था, इसी दौरान खुद को बचाने के दौरान हुई झड़प में वो मारा गया, हालांकि उसकी दलील को वहां की अदालत ने नहीं माना।
हैरानी की बात ये है कि तुती की मौत की सजा को लेकर सऊदी अरब ने इंडोनेशिया सरकार को कोई जानकारी तक नहीं दी, जिसके बाद इंडोनेशिया ने अपना विरोध भी दर्ज कराया है। वहीं, इस घटना के बाद दोनों देशों के रिश्तों में भी खटास आ गई है। इंडोनेशिया की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमने सऊदी अरब के विदेशमंत्री से पूछा है कि तुती को सजा देने को लेकर हमें पहले से सूचना क्यों नहीं दी गई। इस मामले को लेकर इंडोनेशिया के एक पार्लियामेंट मेंबर ने कहा कि सऊदी अरब ने इस मामले में मानवाधिकार के सभी सिद्धांतों की अनदेखी कर दी, जिसमें हर किसी को मिला जीने का अधिकार भी शामिल है।