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दक्षिण-चीन सागर को लेकर चीन की अमेरिका को दो टूक

बीजिंगः दक्षिण-चीन सागर में नौपरिवहन की स्वतंत्रता को लेकर चीन ने शनिवार को साफ किया कि उसे इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसके नाम पर किसी देश को क्षेत्र में सैन्यीकरण नहीं करना चाहिए। चीन लगभग पूरे दक्षिण-चीन सागर पर अपना दावा करता है और वह क्षेत्र में अमेरिकी नौपरिवहन और हवाई गश्त से नाखुश है। जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताईवान के क्षेत्र पर अपने-अपने प्रतिदावे हैं।

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सितंबर में तो चीनी विध्वंसक और अमेरिकी युद्धपोत विवादित क्षेत्र में करीब-करीब आमने-सामने आ गए थे। एक संवाददाता सम्मेलन में चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिएची ने साफ किया कि चीन क्षेत्र में बाहरी खतरों का सामना करने के लिए सिर्फ कुछ सुरक्षा सुविधाओं का निर्माण कर रहा है। ज्यादातर निर्माण नागरिक सुविधाएं हैं जिनका निर्माण चीनी लोगों के हित और अन्य को सार्वजनिक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए किया गया है।

संवाददाता सम्मेलन में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही के अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस भी मौजूद थे। मैटिस ने दो टूक कहा कि अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री नियमों का सख्ती से पालन करता है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय नियम जहां भी अनुमति देते हैं, वह वहां अपनी उड़ानें और नौपरिवहन जारी रखेगा। बता दें कि इस महीने के आखिर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच होने वाली मुलाकात की तैयारियों के सिलसिले में चीनी मंत्री अमेरिका में हैं।