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बरसात के मौसम में डेंगू,चिकनगुनिया, जीका बुखार से बचाव करें

मकड़ाई समाचार हरदा।  स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरजन्य बीमारियों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस आदि से बचाव हेतु एडवायजरी जारी की गई है। डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस बीमारीया एडीज मच्छर द्वारा फैलाई जाती है। बीमारियों से बचाव हेतु मच्छरो की उत्पत्ति पर नियंत्रण रखना अतिआवश्यक है जिसके लिये आम जनसमुदाय का सहयोग अपेक्षित है। मच्छरो की उत्पत्ति रोकने के लिये घर के आस-पास बारिस का पानी जमा न होने दे, पानी से भरी प्लास्टिक एवं सीमंेट की टंकीयों को ढक कर रखे, खुली हुई टंकीया जिसको ढकना संभव नही है उन्हे 03 दिवस में खाली कर एवं सूखा ले, टंकी के पुर्णतः सूख जाने के बाद टंकी को उपयोग में लेवे। घरो की छतो पर रखे कबाड जैसे टायर, मटके, प्लास्टिक टंकी, गमलो आदि में पानी जमा न हो इसका पुरा ध्यान दिया जावे। इन्ही कबाड की वस्तुओ में पानी जमा होने के कारण एडिज मच्छर साफ पानी में अण्डे देते है, अण्डे से लार्वा निकलता है जो प्यूपा में परिवर्तित हो जाता है , इसमें करीब 7 दिन का समय लगता है। प्यूपा से मच्छर 1-2 दिन में बन जाता है। इस प्रकार 8-9 दिन में अण्डे से मच्छर से अण्डे बन जाते है। बारिश के मौसम में मच्छरों की संख्या में वृद्वि होती है, इस कारण से मच्छरो से फैलने वाले रोगो जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया एवं जीेका का खतरा भी बढ जाता है। जीका वायरस भी डेंगू की तरह ही फैलने वाली बीमारी है इसमें भी 02 से 07 दिन बुखार, ऑखे लाल, सिरदर्द, मॉसपेशियों मे दर्द, जोडो में दर्द, छाती या हाथो में खसरा जैसे चकते या दाने पडना प्रमुख लक्षण है। बुखार आने एवं जीका जैसे लक्षण दिखाई देने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जॉच कराये एवं चिकित्सक की सलाह एवं उपचार लेवे। एवं मच्छरो से बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग करे।