ब्रेकिंग
Aaj ka rashifal: आज दिनांक 16 जुलाई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है। आपके भाग्य के सितारे टिमरनी: 5 करोड़ की लागत से टिमरनी में बनेगा जनपद पंचायत भवन।  हार्ट अटैक: किशोरी रील बनाकर दोपहर को सोई तो उठी नही जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए!  कलेक्टर श्री जैन ने बैठक में अ... हाँ मैंने अपने पति को मारा" महिला ने थाने मे कबूला अपना जुर्म हरदा: कलेक्टर श्री जैन ने जनसुनवाई में सुनी नागरिकों की समस्याएं जिले की रहटगाँव तहसील में मूंग उपार्जन केंद्रों पर वरदान की कमी ,आज बंद रही मूंग खरीदी किसान परेशान Aaj ka rashifal: आज दिनांक 15 जुलाई 2025 का राशिफल, जानिए आज क्या कहते है आपके भाग्य के सितारे निजी स्कूलो की फीस वृद्धि मनमानी पर शिक्षा अधिकारी की अनदेखी  :आक्रोशित ABVP कार्यकर्ताओ ने DEO कार्... इंदौर 8 वी बार स्वच्छता सर्वेक्षण मे प्रथम केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जताई खुशी! हरदा मामले ...

खातेगांव : ‘तुरनाल का पांच लड्डू’ जहां किया था भगवान परशुराम ने अपने माता-पिता का पिंडदान, पौराणिक इतिहास होने के बावजूद प्रशासन की उपेक्षा का शिकार

परशुराम जयंती पर विशेष…

अनिल उपाध्याय, खातेगांव : देवास जिले के खातेगांव तहसील में नर्मदा नदी के किनारे बसा एक छोटा सा गांव है तुरनाल पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के छटे अवतार भगवान परशुराम ने अपने पिता ऋषि जगदंबिनी और माता रेणुका का पिंडदान यही किया था। जिसका उल्लेख नर्मदा पुराण मे भी मिलता है।

नर्मदा के उत्तर तट पर नेमावर से पूर्व दिशा की ओर 06 किलोमीटर दूर नर्मदा- गोनी नदी का संगम स्थल हे तुरनाल। तुरनाल गांव की आबादी महज 800 के करीब है।

मान्यता है कि यह गांव बिहार के प्रसिद्ध पितृ तीर्थ गया जी के समान है। जो फल पितरों के मोक्ष के निमित
गया जी में करने पर प्राप्त होता है। वैसा ही फल इस स्थान पर पितृ निमित कर्म करने पर सहज ही प्राप्त हो जाता है। कुछ वर्ष पहले राजस्थान से आए महात्मा परशुराम बाबा ने गांव में मंदिर का निर्माण करवाया है। जिसमें भगवान परशुराम की आकर्षक प्रतिमा शिव लिंग की स्थापना की गई है।

शिला पर आज भी बने हैं पांच लड्डू –

नर्मदा पुराण के अनुसार उक्त स्थान नर्मदा तट पर भगवान परशुराम ने अपने पिता ऋषि जगदंबिनी और माता रेणुका के देवलोक के बाद पिंड प्रदान कर दर्पण किया था। वे पांच पिंड आज भी यहां शीला पर बने हुए हैं। जिसे पांच लड्डू के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि यहां अनेक प्रांतो से श्राद्ध पक्ष में लोक तर्पण करने पहुंचते हैं। 12 महीने लोग इस स्थान पर पितृ दोष निवारण करने आते हैं।

कालसर्प दोष से मुक्ति –

पांच लड्डू स्थान जिस तरह पितरों की आत्मा को शांति मोक्ष के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है! उसी तरह कुंडली में कालसर्प दोष के निदान के लिए स्थान महत्वपूर्ण माना जाता है! यहां पर नाग नारायण बलि अनुष्ठान सर्प दोष मुक्ति आदी कराकर लोग अपनी कुंडली दोष से मुक्त होते हैं!

दलाई लामा आए थे, तुरनाल –

नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा विशेष तौर पर तुरनाल पहुंचे थे !यहां आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए थे! राज अतिथि का दर्जा प्राप्त दलाई लामा के आगमन से पूर्व क्षेत्र में सुरक्षा के कडे इंतजाम भी देखे गए थे!

- Install Android App -

अंबानी परिवार भी यही आये थे !

16 श्राद्ध में 5 लड्डू नामक स्थान पर बडी बडी कई हस्तियां भी आकर चली गई है। इसका पता ग्रामीणों को नहीं लग पाता है ग्रामीण बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले अंबानी परिवार के सदस्य आये थे! जिन्होंने पांच लड्डू नामक स्थान पर पूजन कराई।

उपेक्षा का शिकार है यह स्थान –

प्रचार प्रसार के अभाव में यह स्थान उतना प्रचलित नहीं हो पाया, जितना इसका महत्व हे । इस स्थान पर इतने विकास कार्य नही हो पाए जितने विकास कार्य इस स्थान पर होना चाहिए था। ग्रामीणों की माने तो इस पौराणिक महत्व के स्थान पर कभी प्रशासन का ध्यान ही नहीं गया।यहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

बैराज डैम के निर्माण के बाद डूब जाएगा पांच लड्डू का स्थान –

ग्रामीणों की माने तो बैराज डैम के निर्माण के बाद नर्मदा का जल स्तर काफी बढ़ जाएगा, जिसके चलते तुरनाल के पास स्थित पांच लड्डू नामक स्थान भी पानी में पूरी तरह डूब जाएगा ।जिसके निशान भी नहीं बच पाएंगे यदि प्रशासन चाहे तो समय रहते पांच लड्डू को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर सकता है ।

______________

यह भी पढ़े –

अपडेट खबरों के लिए हमारे whatsapp चैनल को फ़ॉलो करें –