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सीपीएम महासच‍िव सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की उम्र में निधन,  परिजन ने शव को एम्‍स में दान क‍िया

मकडा़ई एक्सप्रेस 24 दिल्ली । सीपीएम के महासच‍िव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने पर एम्‍स में भर्ती कराया गया था। जहां गुरुवार दोपहर करीब एक बजे उन्‍होंने अंत‍िम सांस ली।

आंध्र प्रदेश में पैदा हुए सीताराम येचुरी लंबे वक्‍त तक सीपीएम महासच‍िव रहे। सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्‍हें 19 अगस्‍त को एम्‍स में भर्ती कराया गया था. एम्स अस्पताल में दोपहर 1.03 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।उनका पार्थिव शरीर फिलहाल एम्स में है।कामरेड येचुरी ने अपने पार्थिव शरीर को डोनेट करने की मंशा पहले ही साफ कर दी थी। इसल‍िए सीताराम येचुरी के परिवार ने उनका शव एम्‍स को दान कर दिया है।येचुरी के शव पर मेडिकल छात्र रिसर्च कर सकेंगे ।

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सीताराम येचुरी को वामपंथी राजनीत‍ि का बड़ा चेहरा माना जाता रहा।जेएनयू छात्रसंघ के अध्‍यक्ष रहे सीताराम येचुरी आंध्र प्रदेश के मूल न‍िवासी थे।1975 में इमरजेंसी के दौरान वे जेल भी गए. वे साल 2015 से सीपीएम के महासच‍िव रहे।येचुरी की स्‍कूली पढ़ाई हैदराबाद में हुई थी।

सीताराम येचुरी ने सीपीएम नेता हरकिशन सिंह सुरजीत की लीडरश‍िप में काम सीखा। ज‍िन्‍होंने गठबंधन युग की सरकारों में प्रमुख भूमिका निभाई. पहले वीपी सिंह की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के दौरान और फिर 1996-97 की संयुक्त मोर्चा सरकार के दौरान, दोनों ही सरकारों को सीपीआई (एम) ने बाहर से समर्थन दिया था।येचुरी की स्‍वीकार्यता ही थी क‍ि पहली बार वामपंथी दलों ने कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली यूपीए सररकार का समर्थन क‍िया. नीत‍ियां बनाने में कांग्रेस के नेतृत्‍व वाली सरकार पर अक्‍सर दबाव डाला.

यहां तक क‍ि भारत-अमेरिका परमाणु डील के मुद्दे पर भी जब बात अटकने लगी थी, तब येचुरी ने मोर्चा संभाला था।